उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की गुरुवार रात अचानक तबीयत बिगड़ गई। जिसके बाद उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। लेकिन इलाज के दौरान मुख्तार अंसारी की मौत हो गई। मुख्तार अंसारी की मौत के बाद से ही यूपी की राजनीति में एक अलग ही भूचाल आया हुआ है। जहां एक तरफ समाजवादी पार्टी मुस्लिम वोटरों को अपनी और खींचने में जुटी है तो वहीं दूसरी तरफ AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी भी लगातार मुख्तार की मौत को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधते नजर आ रहे है। उधर, मुख्तार के सुपुर्द-ए-खाक के समय भारी संख्या में लोग इकट्ठा हुए। कई लोग मुख्तार अंसारी के समर्थन में खुलकर सामने आ गए हैं। इनमें से एक यूपी पुलिस का कॉन्स्टेबल फैयाज खान भी शामिल हो गया है। डीसीपी उत्तरी ने कॉन्स्टेबल फैयाज खान के सस्पेंस की परमिशन के लिए चुनाव आयोग को पत्र भेज दिया है।
मुख्तार के समर्थन में पोस्ट
दरअसल, लखनऊ के बख्शी का तालाब थाने में तैनात कॉन्स्टेबल फैयाज खान ने मुख्तार अंसारी के समर्थन में पोस्ट किया था। फैयाज खान ने अपने वॉट्सऐप स्टेटस पर एक पोस्ट में मुख्तार अंसारी को शेर-ए-पूर्वांचल बताते हुए लिखा कि जिंदा रहेगा वो तो दिलों के अवाम के, ए दिल ना उसकी मौत पे रंजो मलाल कर। हिम्मत नहीं थी, सामने आकर लड़े कोई, धोखे से मारा शेर को पिंजरे में डालकर। साथ ही लिखा अलविदा शेर-ए-पूर्वांचल। मुख्तार अंसारी
यहीं नहीं कॉन्स्टेबल ने मुख्तार अंसारी के समर्थन में दूसरा पोस्ट में लिखा कि… शेर की खुराहट (गुर्राहट) से जिनके आका बाप दादा की पैंट गीली हो जाती थी, वो आज बाबा की माया के नारे लगा रहे हैं।
देखते ही देखते कॉन्स्टेबल फैयाज के वॉट्सऐप स्टेटस सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जिसके बाद डीसीपी उत्तरी ने बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से थाना बीकेटी में तैनात कॉन्स्टेबल फैयाज खान के अपने निजी वॉट्सऐप पर मुख्तार अंसारी के समर्थन में स्टेटस लगाने का मामला सामने आया है। एसएचओ बीकेटी के द्वारा भेजी गई आख्या से स्पष्ट हो रहा है कि कॉन्स्टेबल फैयाज खान ने उत्तर प्रदेश पुलिस सोशल मीडिया पॉलिसी और 1991 नियमों का उल्लंघन किया गया है। जिसके चलते कॉन्स्टेबल फैयाज खान के सस्पेंस की परमिशन के लिए चुनाव आयोग को पत्र भेज दिया गया है। चुनाव आयोग द्वारा परमिशन देने पर कॉन्स्टेबल फैयाज खान को निलंबित किया जाएगा।