झुंझुनूं : परिवहन और सड़क सुरक्षा मंत्री बृजेंद्र ओला ने अपने सड़क सुरक्षा विभाग से छह करोड़ की नई सौगात जिला मुख्यालय पर स्थित जिला बीडीके अस्पताल को दी है। अब बीडीके अस्पताल में नया ट्रोमा केयर सेंटर बनेगा। इस ट्रोमा केयर सेंटर के बनने से हादसों में घायल लोगों को 24 घंटे विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं आधुनिक साधनों के साथ एक ही छत के नीचे उपलब्ध होगी। इस स्वीकृति के जारी होने के बाद बीडीके अस्पताल के पीएमओ डॉ. कमलेश झाझड़िया के नेतृत्व में अस्पताल के चिकित्सकों ने शुक्रवार को सर्किट हाउस में मंत्री ओला का आभार जताया। साथ ही उन्हें बताया कि स्वीकृति जारी होने के बाद जल्द ही इस कार्य का शिलान्यास करवाया जाएगा।
डॉ. झाझड़िया ने बताया कि 30 मई को वित्तीय वर्ष 2023-24 में समर्पित सड़क सुरक्षा कोष संचालन समिति की पहली ही बैठक में मंत्री ओला ने झुंझुनूं को यह सौगात देने के उद्देश्य से ट्रोमा केयर सेंटर की स्थापना के लिए साढ़े चार करोड़ की स्वीकृति जारी करने का निर्णय लिया था। जिसके बाद शुक्रवार को विभाग के शासन उप सचिव सोहनलाल मीणा ने इसके लिए प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृतियां जारी कर दी है। इसके अलावा इस ट्रोमा सेंटर में विभिन्न आधुनिक उपकरणों के लिए 148.57 करोड़ रूपए की अलग से वित्तीय व प्रशासनिक स्वीकृति जारी की गई है। डॉ. झाझड़िया ने बताया कि इस ट्रोमा सेंटर का निर्माण बीडीके अस्पताल के मुख्य द्वार के बाएं ओर करवाया जाएगा। जिसकी भी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है।
ओला ने कहा, बजट कम पड़ा तो और देंगे
पीएमओ डॉ. कमलेश झाझड़िया ने बताया कि परिवहन व सड़क सुरक्षा मंत्री बृजेंद्र ओला ट्रोमा केयर सेंटर को लेकर काफी प्रयत्नशील है। उन्होंने कहा है कि इस ट्रोमा सेंटर के बाद यह सुनिश्चित हो कि हादसों में घायलों को रैफर ना करना पड़े। उन्होंने कहा कि उपकरणों के लिए और भी बजट चाहिएगा। तो वे विभाग से या फिर सरकार से स्वीकृति दिलवा देंगे।
दूर दूर तक नहीं था ट्रोमा सेंटर, अब झुंझुनूं में स्थापित होगा
पीएमओ डॉ. कमलेश झाझड़िया ने बताया कि झुंझुनूं होकर दिल्ली, जयपुर का आवागमन रहता है। यही नहीं सालभर सालासर, खाटू, शाकंभरी सहित अन्य धार्मिक स्थलों पर पदयात्रियों की भी आवाजाही लाखों में रहती है। ऐसे में हर समय हादसों की संभावनाएं बनी रहती है। कई हादसे पूर्व में हो भी चुके है। ट्रोमा सेंटर की बात की जाए तो हरियाणा में नारनौल से पहले, इधर चूरू और सीकर समेत अन्य क्षेत्रों में ट्रोमा सेंटर की कमी थी। जो अब पूरी हो जाएगी।
सबकुछ होगा एक ही छत के नीचे
पीएमओ डॉ. कमलेश झाझड़िया ने बताया कि फिलहाल ऑन कॉल हादसों पर डॉक्टर आते है। लेकिन ट्रोमा सेंटर शुरू होने के बाद 24 घंटे एमरजेंसी, फिजीशियन, सर्जन, अस्थि रोग विशेषज्ञ, निश्चेतन विशेषज्ञ के अलावा नर्सिंग स्टाफ मौजूद रहेगा। जिससे मरीजों को तत्काल उपचार मिलेगा। इसके अलावा इसमें अलग से एमरजेंसी डिर्पाटमेंट, आईसीयू, ब्लड बैंक, पुनर्वास केंद्र व विस्तृत जांच केंद्र भी होंगे। जिससे मरीजों या फिर उनके परिजनों को इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा।