जयपुर : गहलोत बोले-चंद्रयान-3 को लैंड करा इसरो ने रचा इतिहास, नेहरू ने इन्कोस्पार नाम से की थी स्थापना

जयपुर : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विद्यार्थियों के साथ सीएम हाउस पर चंद्रयान 3 की लाइव लैंडिंग देखी। गहलोत ने कहा कि जब चांद पर पहली बार इंसान उतरा था, तब वो इस ऐतिहासिक घटना को लेकर एक छात्र के रूप में बेहद उत्साहित थे।

सीएम गहलोत ने कहा कि आज हमारे वैज्ञानिकों की मेहनत, देशवासियों की आशा और विश्वास का परिणाम है कि चंद्रयान-3 को दक्षिणी ध्रुव पर उतारकर इसरो ने एक नया इतिहास रच दिया है। इस अभूतपूर्व उपलब्धता के लिए गहलोत ने इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी। गहलोत ने कहा कि चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह पर उतरने का भारत का दूसरा प्रयास है। आज दक्षिणी ध्रुव पर उतरने के साथ ही भारत ऐसा करने वाला पहला देश बन गया है।

उन्होंने कहा कि 22 अक्टूबर 2008 को चंद्रयान-1 मिशन के रूप में भारत का चंद्रमा के लिए पहला मिशन लॉन्च हुआ था, जोकि 2009 में सफल मिशन के रूप में समाप्त हुआ था। 2019 में चंद्रयान-2 मिशन लॉन्च किया गया था। लेकिन तकनीकी कारणों से लैंडिंग से महज कुछ मिनट पहले इसका संपर्क टूट गया था।

पहले पीएम नेहरू ने 1962 में इन्कोस्पार नाम से स्थापित किया था इसरो
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को वर्ष 1962 में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने डॉ. विक्रम ए. साराभाई की सलाह पर भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति (इन्कोस्पार) के नाम से स्थापित किया था। 15 अगस्त, 1969 को इंदिरा गांधी के कार्यकाल में इस संगठन को मजबूत करते हुए इसका नाम इसरो किया गया।

साइंस एंड स्पेस क्लब खोले जा रहे
गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के युवाओं में खगोलीय और अंतरिक्ष विज्ञान के विकास को लेकर वैज्ञानिक समझ को विकसित करने के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। जयपुर का जंतर मंतर प्राचीन भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान का प्रतीक है, जो खगोल विज्ञान को लेकर प्रदेशवासियों के उत्साह और जिज्ञासा को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लगभग 1500 राजकीय विद्यालयों के कक्षा 6 से 12 तक के विद्यार्थियों में वैज्ञानिक गतिविधियों के प्रोत्साहन के लिए साइंस एंड स्पेस क्लब खोले जा रहे हैं।

कक्षा 6 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए नासा के सहयोग से एस्टरॉइड खोज अभियान भी संचालित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि डिजिटल प्लेनेटोरियम, डिस्प्ले इन्फ्रास्ट्रक्चर, विज्ञान केन्द्र, उच्च स्तरीय रिजोल्यूशन के टेलीस्कोप, साइंस पार्क के विकास सहित विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने स्टूडेंट्स से मुलाकात की और चंद्रयान के बारे में उनके अनुभव जाने। मौजूद बच्चियों ने इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना के तहत मिले स्मार्टफोन से मुख्यमंत्री के साथ सेल्फी ली और योजना के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि अब उन्हें स्टडी संबंधी जानकारी एक क्लिक पर मिल सकेगी।

कार्यक्रम में उच्च शिक्षा राज्यमंत्री  राजेन्द्र सिंह यादव, विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री जाहिदा खान, मुख्यमंत्री सलाहकार संयम लोढ़ा, मुख्य सचिव उषा शर्मा, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अखिल अरोरा, अतिरिक्त मुख्य सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संदीप वर्मा, प्रमुख शासन सचिव उच्च एवं तकनीकी शिक्षा  भवानी सिंह देथा, शासन सचिव स्कूल शिक्षा नवीन जैन सहित वरिष्ठ अधिकारी और स्टूडेंट्स मौजूद रहे।

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