झुंझुनूं-नुआं : पिता खत में लिखते थे ‘मास्‍टर’, मौत के 19 साल बाद बेटा RPSC की उर्दू शिक्षक भर्ती में Topper बना

झुंझुनूं-नुआं : मीडिया से बातचीत में शोएब खान ने बताया कि वे झुंझुनूं के झुंझुनूं के गांव नुआं के रहने वाले हैं। 18 अगस्‍त को राजस्‍थान लोक सेवा आयोग की ओर से जारी उर्दू लेक्चरर परीक्षा 2022 के परिणाम प्रथम स्थान हासिल किया है। यह सफलता पहले प्रयास में पाई है।

पिता की 2004 में हो गई थी मौत

शोएब ने बताया कि उनके पिता सफी मोहम्‍मद विदेश रहते थे। वहां से जब भी घर पर खत लिखते तो बेटे शोएब का नाम मास्‍टर लिखा करते थे। मतलब पिता चाहते थे कि बेटा शिक्षक बने। साल 2004 में हार्ट अटैक की वजह से सफी मोहम्‍मद की मौत हो गई। गांव के सरकारी स्‍कूल में पढ़े शोएब ने कक्षा दस तक की पढ़ाई गांव नुआं के विवेकानंद आजाद पब्लिक स्‍कूल से 56.83 अंकों के साथ पास की। 11वीं व 12वीं कक्षा राजकीय उच्‍च माध्‍यमिक विद्यालय नुआं से की। झुंझुनूं के मोतीलाल कॉलेज से उर्दू से एमए की डिग्री ली।


रीट में भी पाई थी सफलता

शोएब ने रीट भर्ती में भी सफलता हासिल की थी, मगर यह भर्ती परीक्षा निरस्‍त हो गई थी। फिर उर्दू शिक्षक भर्ती परीक्षा की तैयारी शुरू की। सुबह तीन बजे उठकर पढ़ाई किया करते थे। रीट भर्ती निरस्‍त होने के बाद आसिफ भाई, इंतजार खान आशिक अली ने फिर से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए प्रेरित किया।

बड़ी बहन से भी मिली प्रेरणा

शोएब छह भाई बहनों में सबसे छोटे हैं। चार बड़ी बहनों में से एक बहन नाजिया खान थर्ड ग्रेड टीचर पद पर बाड़मेर में पोस्‍टेड हैं। भाई सिकंदर अली खान प्राइवेट जॉब करते हैं। मां बलकेश बानो ने पति की मौत के बाद बेटे शोएब खान को पढ़ने-लिखने का भरपूर अवसर दिया। नतीजा हम सबके सामने है।

पूरे नुआं को शोएब पर गर्व

गांव नुआं के जावेद खान कहते हैं कि हमारे छोटे से गांव से पूरे राजस्‍थान का टॉपर निकलना हम सबके लिए गर्व की बात है। शोएब ने बचपन में पिता को खो दिया था। इसके बाद मां की हिम्‍मत व खुद की कड़ी मेहनत से आरपीएससी टॉपर बने हैं।

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