जयपुर : यहां अपने ही थाने से परेशान पुलिसवाले!:जयपुर के इस पुलिस स्टेशन में लॉकअप नहीं, दूसरे थानों में रखने पड़ते हैं बदमाश

जयपुर : पुलिस का काम है क्राइम को रोकना, सॉल्व करना और अपराधियों को पकड़ना। किसी बड़ी घटना के बाद पुलिस तब ही राहत महसूस करती है, जब आरोपी पकड़ा जाता है। वहीं, जयपुर में एक थाना ऐसा है। जहां आरोपी के पकड़े जाने पर अधिकारियों का तनाव बढ़ जाता है।

ये है लालकोठी थाना। यहां अपराधियों को सलाखों के पीछे डालने के लिए लॉकअप ही नहीं है। आरोपी भाग न जाए, इसके लिए दो पुलिसवाले पहरेदारी में जुटे रहते हैं। राजस्थान में सरकार जहां आदर्श थाने बनाने की बात कर रही है। वहीं, इस थाने में आज तक एक लॉकअप तक नहीं बना पाई।

भास्कर की इस रिपोर्ट के जरिए जानिए लालकोठी थाने के बारे में…

27 साल के बाद भी नहीं हुआ बदलाव
दिसंबर 2020 से अगस्त 2023 लालकोठी थाने में SHO रहे सुरेन्द्र सिंह ने बताया- सांगानेरी गेट के बाद साल 1996 में लालकोठी थाना बना था। जो 50 गज में बना हुआ है। 27 साल बीतने के बाद भी इसकी स्थिति ऐसी ही है। लालकोठी थाने में SHO सहित 33 पुलिस स्टाफ तैनात है। बैठने की भी जगह नहीं है।

लॉकअप नहीं होने के कारण पकड़ते है सिर्फ बड़े बदमाश
पुलिस सूत्रों की माने तो लॉकअप नहीं होने के कारण पकड़े गए खुंखार क्रिमिनल के पुलिसकर्मियों पर हमला कर भागने का डर बना रहता है। खुंखार अपराधियों को लॉकअप में रखने के लिए सर्किल थानों की मदद लेनी पड़ती है। सर्किल थाने में कॉल कर लॉकअप के खाली पड़े होने के बारे में पहले पूछा जाता है। इसके बाद अपने मुलजिम को उस थाने के लॉकअप में बंद करवाकर आना पड़ता है। 3-4 दिन का रिमांड मिलने पर भी सर्किल थानों से ही जगह की मदद मांगनी पड़ती है।

महिला स्टाफ के लिए भी नहीं जगह
3 कमरों के लालकोठी थाने में महिला पुलिसकर्मियों के लिए भी जगह नहीं है। महिला पुलिसकर्मियों को भी चेंजिग के लिए परेशानी का सामना करना पड़ता है। महिला डेस्क ओपन में होने के कारण पीड़िता से भी पूछताछ करने से दिक्कत आती है। मेडिकल मुआवने के लिए साथी पुलिसकर्मियों की मुंह ताकना पकड़ता है।

पब्लिक टायलेट करना पड़ता है यूज
लालकोठी थाने में लॉकअप के अलावा टायलेट भी नहीं है। लालकोठी थाने के पास स्थित पब्लिक टायलेट को ही पुलिसकर्मियों को यूज करना पड़ता है। गंदे पड़े पब्लिक टायलेट की साफ-सफाई की जिम्मेदार भी थाना पुलिसकर्मियों की रहती है। महिला पुलिसकर्मियों को टायलेट यूज करने के लिए भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है।

महिला पुलिसकर्मियों के पास चेंजिग रूम तो छोड़ो पीड़िता के बयान दर्ज करने की भी जगह नहीं है।
महिला पुलिसकर्मियों के पास चेंजिग रूम तो छोड़ो पीड़िता के बयान दर्ज करने की भी जगह नहीं है।

वाहनों की जब्ती की भी परेशानी
पुलिस अफसरों की ओर से शाम की ड्यूटी में वाहनों की कार्रवाई का निर्देश लालकोठी थाने की दिक्कत ओर बढ़ा देता है। बैठने के लिए जगह नहीं होने वाली थाना पुलिस के सामने जब्त वाहनों को खड़ा करना बड़ी दिक्कत पैदा कर देती है। पुलिसकर्मियों के पास थाने आने पर खुद के प्राइवेट वाहन खड़े करने तक की जगह नहीं है।

आदर्श थाने को लेकर जयपुर कमिश्नरेट पर धब्बा
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने करीब 2 साल पहले जिले के हर पुलिस सर्किल में एक-एक आदर्श थाने बनाने की रूपरेखा तैयार की थी। आदर्श थाने के लिए विशेष कैंपेन के साथ ही थाना परिसर में स्वागत कक्ष बनाने का भी तय किया गया था। लालकोठी थाने को देखा जाए तो ये जयपुर कमिश्नरेट पर आदर्श थाने के नाम पर बड़ा धब्बा है।

जेल के पास मिली जमीन पर बनेगा थाना
लालकोठी थाने के SHO रहे सुरेन्द्र सिंह का कहना है कि पिछले 27 साल से लालकोठी थाना इस छोटे से भवन में चला आ रहा है। जगह के अभाव के चलते पुलिस के लिए सबसे बड़ी समस्या है। लालकोठी थाने के लिए जयपुर सेंट्रल के पास जमीन मिल गई है। माना जा रहा है कि जल्द ही लालकोठी थाने वहां बनाया जाएगा।

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