नीमकाथाना : उद्योग माइंस का हब बनेगा नीमकाथाना:औद्योगिक विकास के साथ ऐतिहासिक स्थलों पर पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा, खेतड़ी में दिखेगा सैंकडों साल पुराना इतिहास

नीमकाथाना : नीमकाथाना नया जिला बन चुका है। एक लंबे समय से चली आ रही इस मांग के बाद नीमकाथाना को जिले की जो पहचान मिली है वह कई मायनों में महत्वपूर्ण है। हालाकि हाल फिलहाल सरकार यहां जिला स्तर के कार्यालय खोलने में लगी है, लेकिन आने वाले समय में यह जिला आर्थिक रूप से काफी तरक्की करेगा। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है इस क्षेत्र में आने वाले वे क्षेत्र जिनसे सरकार को राजस्व मिलेगा। स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और कारोबार भी बढ़ेगा। आज हम आपको नए जिले में शामिल ऐसे ही कुछ क्षेत्रों के बारे में बताएंगे जिनसे जिले को नई पहचान मिलेगी।

सबसे पहले जानिए, कैसा है नीमकाथाना जिला

नीमकाथाना जिले में ऐतिहासिक स्थल,पर्यटकों के लिए तीर्थ धाम, माइंस, प्राचीन महल, किले, बावड़ी, रोजगार की संसाधन औद्योगिक क्षेत्र नीमकाथाना जिले में स्थापित हैं। इससे नीमकाथाना जिले को बढ़ावा मिलेगा ओर जिला उंचाइयों पर अपनी अलग पहचान बनाएगा।

खेतड़ी महल किला
खेतड़ी महल शेखावाटी क्षेत्र की पारंपरिक स्थापत्य और भवन निर्माण कला का सबसे खूबसूरत उदाहरण है। इस महल को खेतड़ी का हवामहल भी कहा जाता है। इस महल का निर्माण 1770 में खेतड़ी के तत्कालीन ठाकुर राजा भोपाल सिंह ने कराया था। यह महल अपने संकीर्ण गलियारों के कारण विख्यात है। ये कीर्ण गलियारे भूलभुलैया जैसे लगते हैं। यह आश्चर्य की बात है कि महल में ज्यादा खिड़कियां या दरवाजे नहीं है फिर भी इसे खेतड़ी का हवामहल कहा गया है। यहां पर पर्यटकों का आना जाना रहता हैं। यह महल लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करता हैं।

खेतड़ी महल शेखावाटी क्षेत्र की पारंपरिक स्थापत्य और भवन निर्माण कला का सबसे खूबसूरत उदाहरण है। इस महल को खेतड़ी का हवामहल भी कहा जाता है
खेतड़ी महल शेखावाटी क्षेत्र की पारंपरिक स्थापत्य और भवन निर्माण कला का सबसे खूबसूरत उदाहरण है। इस महल को खेतड़ी का हवामहल भी कहा जाता है

लोहार्गल, मनसा माता, गणेश्वर, टपकेश्वर, बालेश्वर, बागेश्वर धाम। नीमकाथाना जिले में छह बड़े तीर्थ धाम हैं। यहां हर महीने हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं तीर्थ धामों पर पहुँचते हैं। इन धामों पर स्वतः ही जल धारा प्रभावित होती हैं। सावन महीने में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं पवित्र स्नान व मंदिरों में पूजा अर्चना करने के लिए पहुँचते हैं।

नीमकाथाना जिले के 15 किलोमीटर दूर पंचायत समिति पाटन में पाटन महल यहां पर्यटक महल देखने के लिए आते हैं और यहां रुकते भी हैं।
नीमकाथाना जिले के 15 किलोमीटर दूर पंचायत समिति पाटन में पाटन महल यहां पर्यटक महल देखने के लिए आते हैं और यहां रुकते भी हैं।

ऐतिहासिक स्थल
नीमकाथाना जिले में खेतड़ी महल, पाटन महल, अजित विवेक संग्रहालय,ऐतिहासिक पन्ना शाह तालाब खेतड़ी, खेतड़ी में बंसियाल कंजर्वेशन व थोई किला हैं। यह ऐतिहासिक स्थल हैं जिससे जिले में नई पहचान मिली हैं। ऐतिहासिक स्थलों को देखने के लिए यहां पर हर दिन पर्यटक पहुँचते हैं।

नीमकाथाना जिले के खेतड़ी उपखंड़ में खेतड़ी महल यह पर्यटकों के लिए खास है।
नीमकाथाना जिले के खेतड़ी उपखंड़ में खेतड़ी महल यह पर्यटकों के लिए खास है।
खेतड़ी कंजर्वेशन रिजर्व यहां इस महीने ही वन विभाग ने लेपर्ड सफारी शुरू की है इससे पर्यटकों को बढ़ावा मिलेगा।
खेतड़ी कंजर्वेशन रिजर्व यहां इस महीने ही वन विभाग ने लेपर्ड सफारी शुरू की है इससे पर्यटकों को बढ़ावा मिलेगा।

ऐसे बढ़ेंगे रोजगार के अवसर
उद्योग और माइंस के मामले में सबसे समृद्धशाली जिला बन गया है। नीमकाथाना में औद्योगिक क्षेत्र पहले से ही काफी विकसित है। यहां माइनिंग, फुटवियर व सीमेंट उद्योग संचालित हैं। खनिज उद्योग में 410 माइंस 150 क्रेशर व ग्राइंडिंग यूनिट संचालित हैं। इनका करीब एक हजार करोड़ रुपए सालाना कारोबार है। वहीं सिरोही में सीमेंट प्लांट चल रहा है। नीमकाथाना में औद्योगिक विस्तार के तहत महावा भराला औद्योगिक क्षेत्र, गणेश्वर इंडस्ट्रियल एरिया बन रहे हैं। इससे औद्योगिक विकास में तेजी आएगी। और लोगों के लिए यहां रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

नीमकाथाना मुख्यालय से खेतड़ी में कॉपर खदान में टनल की तस्वीर। जिससे यहां लोगों के रोजगार के संसाधन बढ़े।
नीमकाथाना मुख्यालय से खेतड़ी में कॉपर खदान में टनल की तस्वीर। जिससे यहां लोगों के रोजगार के संसाधन बढ़े।

ये बड़े इंडस्ट्रीयल एरिया होंगे नए जिले में
श्रीमाधोपुर व मऊ में विकसित औद्योगिक क्षेत्र, अजीतगढ़ में बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है, अजमेरी में माइनिंग उद्योग, अब वहीं खेतड़ी व उदयपुरवाटी के कई उद्योग नए जिले में औद्योगिक क्षेत्र नीमकाथाना जिले में शामिल हो गए हैं। खेतड़ी कॉपर प्रोजेक्ट, बलाई व जसरापुर के बड़े बिजली प्लांट औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण साबित होंगे। बाबई में नया औद्योगिक क्षेत्र बन रहा है। कुल मिलाकर नीमकाथाना जिला औद्योगिक रूप से काफी विकसित और समृद्ध होगा। इससे बड़े स्तर पर लोगों को रोजगार भी निकलनेंगे। फ्रेट कॉरिडोर होने से लाभ भी यहां मिलेगा।

नीमकाथाना यह तस्वीर गणेश्वर की है, राज्य सरकार यहां एक नया औद्योगिक क्षेत्र स्थापित कर रही है। जिससे जिले में रोजगार के साधन पैदा होंगे।
नीमकाथाना यह तस्वीर गणेश्वर की है, राज्य सरकार यहां एक नया औद्योगिक क्षेत्र स्थापित कर रही है। जिससे जिले में रोजगार के साधन पैदा होंगे।

प्रमुख धार्मिक स्थल जहां साल भर मे आते हैं लाखों श्रद्धालु
जिले सबसे बड़े चार धाम विकसित हैं। जहाँ लाखों की संख्या में इन धामों पर श्रद्धालुओं पहुँचते हैं। लोहार्गल में स्वतः ही प्रभावित होने वाली जलधारा में स्नान करने के यहां पर लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं पहुँचते हैं। सावन महीने के बाद यहां 24 कोसीय परिक्रमा लगाई जाती हैं। बालेश्वर धाम पर लाखों की संख्या में हर साल श्रद्धालु पहुंचते हैं। गणेश्वर तीर्थ धाम पर गर्म जलधारा के बीच पवित्र स्नान करने के लिए यहां भी लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन होता है।

लोहार्गल धाम यहां भादवे के महीने में 24 कोसिय परिक्रमा लगाई जाती हैं। यह परिक्रमा लोहार्गल धाम से शुरू होती हैं और इसी धाम के परिक्रमा लगाई जाती हैं।
लोहार्गल धाम यहां भादवे के महीने में 24 कोसिय परिक्रमा लगाई जाती हैं। यह परिक्रमा लोहार्गल धाम से शुरू होती हैं और इसी धाम के परिक्रमा लगाई जाती हैं।
नीमकाथाना जिला मुख्यालय से 13 किलोमीटर दूर गणेश्वर धाम जहां स्वतः ही गर्म जल धारा प्रभावित होती है यहां सर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
नीमकाथाना जिला मुख्यालय से 13 किलोमीटर दूर गणेश्वर धाम जहां स्वतः ही गर्म जल धारा प्रभावित होती है यहां सर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
गणेश्वर मंदिर की ड्रोन से ली गई तस्वीर
गणेश्वर मंदिर की ड्रोन से ली गई तस्वीर
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