हरियाणा-कुरुक्षेत्र : निर्माणकार्य मजदूर मिस्त्री यूनियन व मनरेगा मजदूर यूनियन के बैनेर तले सैंकड़ों मजदूरों ने सरकार की सांप्रदायिक व मजदूर-विरोधी नीतियों के खिलाफ नारे लगाते हुए स्थानीय नया बस स्टैन्ड से उपयुक्त कार्यालय तक प्रदर्शन करते हुए जिला उपयुक्त कार्यालय, कुरुक्षेत्र पर धरणा दिया। धरणा-प्रदर्शन के बाद मजदूरों ने अपनी मांगों का ज्ञापन जिला उपयुक्त के मार्फत देश के माननीय राष्ट्रपति महोदया को सौंपा और स्थानीय मांगों के बारे में एक ज्ञापन जिला उपयुक्त को भी सौंपा गया जोकि जिला उपयुक्त की तरफ से जिला राजस्व अधिकारी ने लिया। धरणे की अध्यक्षता निर्माणकार्य मजदूर मिस्त्री यूनियन के प्रांतीय प्रधान करनैल सिंह ने की। धरणे का संचलन निर्माणकार्य मजदूर मिस्त्री यूनियन के महासचिव सुरेश कुमार ने किया।
धरणे को संबोधित करते हुए मनरेगा मजदूर यूनियन के प्रांतीय प्रधान नरेश कुमार ने कहा कि बड़े दुख की बात है कि आज आजादी के 76 साल के बाद भी मजदूरों के पास रोजगार नहीं है। सरकार को ग्रामीण बेरोजगारों को साल में सौ दिन का रोजगार देने का ढकोसला करना पड़ रहा है। मनरेगा रोजगार के नाम पर मजदूरों को अपनी जान जोखिम में डाल कर तालाबों में से खुंबी निकालने जैसे खतरनाक काम करने पड़ते है। मनरेगा मजदूरों के लिए कार्यस्थल पर ना कोई सुरक्षा प्रबंध है, ना कोई चिकित्सा सुविधा है। काम पर आने-जाने में मानरेगा मजदूरों की मृत्यु तक हो जाति है परंतु सरकार कोई मुआवजा नहीं देती।
मनरेगा मजदूर यूनियन के महासचिव सोमनाथ ने कहा कि जब भी मजदूर वर्ग ने एक होकर संघर्ष किया है, वह अपनी मांगों को मनवाने में कामयाब हुआ है। उन्होंने कहा कि आने वाली 4 सितंबर को करनाल में मुख्यमंत्री निवास का घेराव किया जाएगा, मजदूरों से अपील है कि बढ़-चढ़ कर भाग लें।
जनसंघर्ष मंच की महासचिव सुदेश कुमारी ने धरणे को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी और खट्टर सरकार हिन्दू-मुसलमान में जहर घोल रही है। कुरुक्षेत्र में बजरंग-दल, विश्व हिन्दू परिषद आदि हिंदुतत्ववादी गुंडा तत्वों ने गरीब मुस्लिम रेहड़ी वालों की रेहड़ियाँ हटवा कर अपने लोगों की रेहड़ियाँ लगवा दी हैं और वहाँ भगवां झंडे फहरा दिए हैं लेकिन पुलिस के अफसर हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। यही प्रशासन बेकसूर अल्पसंख्यक लोगों के घरों पर बुलडोजर चलवाता है और हिंदुतत्ववादी गुंडों के सामने दुबक जाता है। उन्होंने कहा कि महिलाओं पर बढ़ते अत्याचारों को देखते हुए सरकार को चाहिए कि वह महिलाओं को लाइसन्सी हथियार उपलब्ध करवाए।
अध्यक्षीय भाषण में करनैल सिंह ने कहा कि जो आजादी 1947 में देश को मिली थी वह पूँजीपतियों की आजादी थी। श्रम की लूट का जो अधिकार अंग्रेजों को था, बस वह भारत के पूंजीपति को मिल गया। एक तरफ जहां पूंजीपति वर्ग की संपत्ति बढ़ती गई वहीं मेहनतकश जनता का जीवन बद से बदतर होता चल गया। मजदूर वर्ग अपनी दुर्दशा का असली कारण, जोकि यह पूंजीवादी व्यवस्था है, ना समझ ले इसलिए वह मजदूरों को कल्याणकारी स्कीमों के भ्रम-जाल में डाल कर रखता है। उन्होंने कहा कि हम अपनी आर्थिक मांगों के साथ-साथ संघर्ष करते हुए शहीद भगतसिंह के बताए रास्ते पर चल कर इस समाज को समाजवाद की दिशा में ले जाएंगे।