झुंझुनूं : कोरोनाकाल के बाद कंज्यूमर लोन की डिमांड में वृद्धि हुई है। सभी कॉमर्शियल वेबसाइटों के जरिए बाय नाऊ पे लेटर तथा फाइनेंस कंपनियों द्वारा आमजन को लोन की सुविधा प्रदान की जा रही है। इसके माध्यम से हर व्यक्ति महंगी वस्तुएं भी खरीद कर अपने सपने पूरे कर रहा है। इस लोन का भुगतान ईएमआई में करता है। गत एक वर्ष के आंकड़े देखें तो सर्वाधिक लोन वृद्धि इसी सेक्टर में हुई है। -सुधेश पूनिया, बैंकिंग विशेषज्ञ
झुंझुनूं में भले ही बैंक लोन महंगे हो गए हो, लेकिन लोन लेकर अपनी ख्वाहिशें पूरी करने वालों की संख्या में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हो रही है। अलग अलग ख्वाहिशों को पूरा करने के लिए पर्सनल लोन व कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन लेने वालों की तादाद एकाएक बढ़ी है। आरबीआई की ओर से हाल ही में जारी किए गए डेटा के मुताबिक पिछले एक साल में देश में कंज्यूमर लोन करीब 30 फीसदी बढ़ा है। 2021-22 में देशभर में निजी बैंकों व फाइनेंस कंपनियों ने 28,907 करोड़ रुपए का कंज्यूमर लोन दिया था। 2022-23 में यह आंकड़ा बढ़कर 37,816 करोड़ रुपए हो गया।
यानी एक साल में लोगों पर 8909 करोड़ रुपए का अधिक कर्ज हो गया। यह कर्ज दैनिक उपयोग में आने वाली वस्तुएं जैसे मोबाइल, टीवी, रेफ्रीजरेटर, एसी, फर्नीचर आदि खरीदने के लिए बढ़ा है। बैंकिंग क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना में आमजन की आय कम होने पर फाइनेंस कंपनियों व प्राइवेट बैंकों ने बाय नाउ पे लेटर जैसे विभिन्न ऑफर चलाए। इनके द्वारा लोगों ने पैसे नहीं होने पर भी लोन लेकर आवश्यकता वाली वस्तुएं खरीदी।