झुंझुनूं-खेतड़ी : खेतड़ी उपखंड की मानोता जाटान पंचायत को झुंझुनूं जिले में शामिल रखने पर रविवार देर शाम को ग्रामीणों ने जश्न मनाया। नीमकाथाना हटाओ झुंझुंनू में मिलाओ संघर्ष समिति की ओर से पिछले काफी समय से संघर्ष किया जा रहा था।
संघर्ष समिति ने मानोता जाटान के मंदिर चौक में पटाखे चलाकर और मिठाई बांटकर कर जश्न मनाया। संघर्ष समिति के अध्यक्ष कामरेड रामचंद्र कुलहरि ने कहा कि सिर्फ तीन ग्राम पंचायतों को झुंझुनूं में शामिल करने और पटवार सर्किल लोयल को नवसृजित गिरदावर सर्किल बनाने की मांग मान लेने से हम संपूर्ण जीत नहीं मान सकते। इन ग्राम पंचायतों को नजदीक की तहसीलों में जोड़ने की मांग अभी अधूरी है।
उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से नवगठित नीमकाथाना जिले में इन पंचायतों को शामिल किया जा रहा था। इन पंचायतों से नवगठित नीमकाथाना जिले की दूरी अधिक होने के कारण लोगों को आर्थिक एवं मानसिक नुकसान उठाना पड़ सकता था। पूर्व में झुंझुनू जिले में शामिल होने के कारण यहां की जनता इसी जिले में रहने की मांग कर रही थी। झुंझुनू जिले में शामिल रहने के लिए ग्रामीणों की ओर से काफी समय तक आंदोलन किया गया और सरकार के उच्च अधिकारियों से मिलकर भविष्य में आने वाली समस्या को लेकर अवगत भी करवाया गया था।
कुलहरी ने बताया कि झुंझुनूं जिला वीरों की भूमि के नाम से पूरे देश में जाना जाता है, जिससे यहां की जनता गर्व महसूस करती है। ऐसे में उन्हें नए जिले में शामिल करने से काफी परेशानी उठानी पड़ सकती थी। कॉमरेड रविंद्र पायल ने बताया कि यह जनता की भावनाओं से जुड़ा हुआ आंदोलन था और इसमें जनता के संघर्ष की जीत हुई है।
इस मौके पर सरपंच बहादुरमल मेघवाल,पूर्व जिला पार्षद राजकुमार ढाका, सुमेर ढाका, मास्टर सभाचंद ढाका, महावीर, विनोद ढाका, सज्जन सूबेदार, रुपचंद ढाका, रामनारायण, गुलजारी खान ,चदगीराम ठेकेदार, विकास ढाका, महेंद्र ढाका, सुनील शर्मा, सुरेन्द्र ढाका, लक्ष्मण सिंह शेखवात, सत्यवीर ढाका, जल्दीप पायल, रामसिंह पायल, पूर्व सरपंच अमरसिंह झाझडीया, हंसराम झाझडीया सहित अनेक लोग मौजूद थे।