झुंझुनूं-खेतड़ी : 2014 में बनी टंकी धराशायी; 8 साल पहले पिलरों के नीचे से मिट्‌टी धंसी थी, तब PHED ने भराव कर खानापूर्ति की

झुंझुनूं-खेतड़ी : बाढा की ढाणी के पंचमुखी बालाजी मंदिर के निकट उतरादा कुएं के पास 9 साल पहले बनाई गई पानी की टंकी गुरुवार देर रात भरभरा कर गिर गई। गनीमत रही कि कोई जनहानि नहीं हुई। टंकी के गिरने के धमाके से सहमे लोग घरों से बाहर निकल आए और पूरी रात सो नहीं पाए।

जानकारी के अनुसार ग्रामीण जल प्रदाय योजना के तहत वर्ष 2014 में 207.34 लाख रुपए की लागत से ओवरहैड टंकी बनाई गई थी। टंकी बनने के बाद जब पहली बार उसमें पानी डाला गया तो टंकी के नीचे रिसाव होकर पानी जमा होने लगा, जिससे 2015 में दो पिलरों के पास से जमीन धंस गई थी। उस समय जलदाय विभाग ने पिलरों के पास मिट्‌टी का भराव करवाकर खानापूर्ति कर दी। ग्रामीणों ने उसी समय टंकी गिरने की संभावना जता दी थी।

लेकिन जलदाय विभाग ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और बिना जांच कराए टंकी में पानी डलवाना जारी रखा। ग्रामीणों का आरोप है कि घटिया निर्माण सामग्री काम में लेने के कारण टंकी क्षतिग्रस्त हो गई थी। टंकी में लगाए गए सरिए भी बाहर नजर आने लगे। इन दिनों लगातार हो रही बरसात के कारण टंकी के आसपास की जमीन में सीलन आ चुकी थी। इसलिए यह गिर गई। बाढा की ढाणी में टंकी के आसपास रहने वाले महावीर सिंह, सूबेदार अशोकसिंह ने बताया कि गुरुवार देर रात्रि को अचानक तेज धमाका हुआ तो वे अपने घरों से बाहर निकल गए।

एकबारगी तो ग्रामीणों ने सोचा भूकंप आ गया। पानी की टंकी के पास रहने वालों को तो पता चल गया कि टंकी के गिरने से धमाका हुआ है, अन्य ग्रामीण भूकंप की आवाज समझ कर पूरी रात भय के साये में घरों के बाहर रहे। सुबह लोगों को पानी की टंकी के गिरने की सूचना मिली, तब लोगों ने राहत की सांस ली। शुक्रवार सुबह ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया। ग्रामीणों के अनुसार गनीमत रही घटना के वक्त आसपास कोई नहीं था। रात को लोग अपने घरों में थे। इस टंकी में कुंभाराम नहर योजना व बोरवैल का पानी डालकर बाढ की ढाणी, रामकुमार का वास, डेरा की ढाणी, उतरादी ढाणी, लांबी जोहड़ी तक पानी की सप्लाई होती थी।

करीब 250 परिवार वालों के सामने अब पानी का संकट गहरा गया है। लोगों के सामने पानी की काफी समस्या रहेगी। गांव में सप्लाई किया जाता था। सूचना पर जलदाय विभाग की जेईएन ऋचा धवन मौके पर पहुंच कर मौका मुआयना किया। ^यह टंकी 2014 में बनाई गई थी। टंकी में करीब 150 केएल पानी था। कैसे गिरी इस बारे में अभी कुछ भी नहीं कह सकते। फैक्चुअल रिपोर्ट तैयार करवा रहे हैं इसके बाद ही टंकी गिरने के कारणों का पता चल जाएगा।

फिलहाल वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर डायरेक्ट सप्लाई की जाएगी। -विक्रम सिंह गुर्जर, एक्सईएन जलदाय विभाग खेतड़ी 2013 में विधायक डॉ.सिंह ने किया था शिलान्यास बाढा की ढाणी के पंचमुखी मंदिर के पास 207.34 लाख रुपए की लागत से बनने वाली ओवर हैड टंकी का शिलान्यास सीएम सलाहकार डॉ. जितेंद्रसिंह ने 13 अक्टूबर 2013 में किया था। 2014 में 54 फीट ऊंची पानी की टंकी बन कर तैयार हुई थी। रामचंद कुल्हरी ने बताया कि उस समय जब टंकी में पानी डाला जाने लगा था, तब कुछ दिन बाद ही टंकी के दो पिलरों के पास जमीन धंसने लगी थी।

पिलरों के पास गहरे गड्‌ढे हो गए थे। तब ग्रामीणों ने प्रदर्शन भी किया था लेकिन जलदाय विभाग ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। सिर्फ पिलरों के पास से धंसी मिट्‌टी की जगह नई मिट्‌टी लाकर डालकर खानापूर्ति कर दी।

पचास मीटर दूरी पर था सामुदायिक केंद्र : पानी की टंकी से मात्र 50 मीटर दूरी पर गांव का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्थित है। आसपास कई मकान भी हैं। ग्रामीणों ने बताया कि पानी की टंकी अगर दूसरी तरफ गिरती तो सामुदायिक भवन क्षतिग्रस्त हो जाता। साथ ही पास बने मकान भी चपेट में आ जाते जिससे जन हानी होने की संभावनाएं बन जाती।

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