जयपुर : राजस्थान में फ्री स्मार्टफोन और डेटा सिम बांटने को लेकर तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। सरकार 10 अगस्त से कैंप लगाकर स्मार्टफोन बांटने का काम शुरू करेगी।
राज्य के हर जिले में अलग से कैंप लगेंगे। पहले चरण में करीब 40 लाख महिलाओं को फोन बांटे जाएंगे। इसमें 9वीं या उससे ऊपर की कक्षा में पढ़ने वाली बालिकाओं, कॉलेज स्टूडेंट्स, विधवा या अकेली रहने वाली नारी और इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी में 50 दिन और मनरेगा में 100 दिन का काम पूरा करने वाले परिवार की महिला मुखिया को प्राथमिकता दी जाएगी।
खास बात ये होगी कि सरकार डाटा रिचार्ज (9 महीने) के 675 रुपए और मोबाइल फोन खरीद के लिए 6125 रुपए देगी। डिपार्टमेंट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एंड कम्युनिकेशन (डीओआईटी) की ओर से जारी आदेशों के मुताबिक मोबाइल खरीद के लिए सरकार मौके पर ही पैसे लाभार्थी के ई-वॉलेट में ट्रांसफर करेगी। लाभार्थियों की सूचना उनके मोबाइल पर सरकार मैसेज के जरिए भेजेगी।
मौके पर मोबाइल पंसद के लिए लगेंगे काउंटर
आदेशों के मुताबिक लाभार्थी को मोबाइल हैंडसेट चुनने का ऑप्शन होगा। इसके लिए मौके पर वोडाफोन, जीओ, एयरटेल और बीएसएनएल कंपनियों के काउंटर लगेंगे।
काउंटर पर अलग-अलग मोबाइल कंपनियां भी अपने हैंडसेट रखेंगी। सरकार एक मोबाइल के लिए 6 हजार 125 रुपए देगी। यदि कोई इससे ज्यादा कीमत वाला फोन पसंद करता है तो उसे अतिरिक्त रुपए अपनी जेब से देने होंगे।
मोबाइल में सिम लगेगी और कुछ पलों में आ जाएगा मैसेज
योजना के अनुसार स्मार्टफोन खरीदने पर महिलाओं को तय राशि का भुगतान उनके खाते में शिविर से बाहर निकलने से पहले ही कर दिया जाएगा। मोबाइल खरीदने पर सरकार महिलाओं के बैंक अकाउंट में डीबीटी( Direct Benefit Transfer) के तहत भुगतान करेगी। ये पेमेंट मोबाइल में सिम डालते ही कुछ पलों में ही UPI के जरिए बैंक अकाउंट में पहुंच जाएगा।
सरकार के स्तर पर सभी कलेक्टर से पहली फेज की 40 लाख महिलाओं की बैंक अकाउंट के साथ सूची मंगा ली गई है। साथ ही UPI के जरिए नकद भुगतान के लिए उनके बैंक अकाउंट को शेड्यूल तक करवा लिया गया है।
ये रहेगी प्रक्रिया
- जिन लाभार्थियों को पहले फेज में मोबाइल बांटे जाएंगे, उनको जनआधार में रजिस्टर्ड मोबाइल फोन पर मैसेज भेजा जाएगा।
- शिविर नगर पालिका, पंचायतों, जिला कलेक्ट्रेट ऑफिस, सरकारी स्कूलों, सरकारी कॉलेजों और अन्य सरकारी ऑफिस में लगाए जाएंगे।
- शिविर में पहुंचने पर सबसे पहले लाभार्थी की जनआधार के जरिए केवाईसी की जाएगी।
- केवाईसी पूरी होने के बाद लाभार्थी के मोबाइल नंबर पर ई-वॉलेट नहीं है तो उसे इन्स्टॉल करके उसे बैंक खाते से लिंक किया जाएगा।
- शिविर में लगे मोबाइल कंपनियों के काउंटर पर हैंड सेट दिखाए जाएंगे।
- हैंड सेट पसंद आने के बाद खरीद की प्रक्रिया शुरू की जाएगी और लाभार्थी के ई-वॉलेट में मौके से ही राशि ट्रांसफर की जाएगी।
- राशि ट्रांसफर होने के बाद लाभार्थी कंपनी को भुगतान करके मोबाइल सेट और सिम कार्ड ले सकेगा।