झुंझुनूं-उदयपुरवाटी : राजस्थान सरकार के मंत्री पद से बर्खास्त होने के बाद राजेंद्र गुढ़ा लगातार सीएम अशोक गहलोत की गले की फांस बनने में लगे हुए हैं। गुढ़ा अब खुलकर प्रदेश की सीएम अशोक गहलोत को भ्रष्टाचारी और घपलेबाज बता रहे हैं। इतना ही नहीं गुढ़ा ने राजस्थान के मंत्रिपरिषद के आधे से ज्यादा नेताओं पर बलात्कारी होने तक का आरोप लगा दिया है। गुढ़ा का दावा है कि उनके पास एक ‘लाल डायरी’ है। इसमें विधायकों के खरीद-फरोख्त का लेखा-जोखा है। उनका दावा है कि यह डायरी वे सीएम गहलोत के कहने पर उनके करीबी मंत्री धर्मेंद्र राठौड़ के घर से लेकर आए थे। जब वे लाल डायरी लाए थे, तब राठौड़ के घर छापीमारी चल रही थी। अगर वो लाल डायरी निकाल कर नहीं लाते, तो आज सीएम अशोक गहलोत जेल में होते। विवादित बयानों के बाद कांग्रेस ने गुढ़ा को बाहर का रास्ता दिखा दिया हैं। जबकि बीएसपी भी दोबारा उन्हें शामिल करने के लिए तैयार नहीं है। गुढ़ा के पुराने रिकॉर्ड को देखते हुए भाजपा भी उन्हें पार्टी में शामिल करने से पहले कई बार सोचेगी। क्योंकि उनका बड़बोलापन कहीं पार्टी पर भारी नहीं पड़ जाए।
राजस्थान सरकार के मंत्री पद से बर्खास्त होने के बाद राजेंद्र गुढ़ा लगातार सीएम अशोक गहलोत की गले की फांस बनने में लगे हुए हैं। गुढ़ा अब खुलकर प्रदेश की सीएम अशोक गहलोत को भ्रष्टाचारी और घपलेबाज बता रहे हैं। इतना ही नहीं गुढ़ा ने राजस्थान के मंत्रिपरिषद के आधे से ज्यादा नेताओं पर बलात्कारी होने तक का आरोप लगा दिया है। गुढ़ा का दावा है कि उनके पास एक ‘लाल डायरी’ है। इसमें विधायकों के खरीद-फरोख्त का लेखा-जोखा है। उनका दावा है कि यह डायरी वे सीएम गहलोत के कहने पर उनके करीबी मंत्री धर्मेंद्र राठौड़ के घर से लेकर आए थे। जब वे लाल डायरी लाए थे, तब राठौड़ के घर छापीमारी चल रही थी। अगर वो लाल डायरी निकाल कर नहीं लाते, तो आज सीएम अशोक गहलोत जेल में होते। विवादित बयानों के बाद कांग्रेस ने गुढ़ा को बाहर का रास्ता दिखा दिया हैं। जबकि बीएसपी भी दोबारा उन्हें शामिल करने के लिए तैयार नहीं है। गुढ़ा के पुराने रिकॉर्ड को देखते हुए भाजपा भी उन्हें पार्टी में शामिल करने से पहले कई बार सोचेगी। क्योंकि उनका बड़बोलापन कहीं पार्टी पर भारी नहीं पड़ जाए।
दरअसल, कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व के हस्तक्षेप के बाद पायलट और गहलोत के बीच समझौता हो गया, इसके बाद राजेंद्र गुढ़ा अलग-थलग पड़ गए और कांग्रेस में उन्हें अपना भविष्य सुरक्षित नहीं लग रहा था। ऐसे में उन्होंने भाजपा नेताओं के साथ नजदीकियां बढ़ाना शुरू कर दिया। योजनाबद्ध तरीके से उन्होंने गहलोत और कानून व्यवस्था पर सवाल उठाना कर दिया। जैसे ही वे कांग्रेस से निकाले गए वैसे ही वे ज्यादा आक्रामक हो गए और सरकार के खिलाफ उन्होंने मोर्चा खोल दिया। राजस्थान के राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह गुढ़ा का राजनीतिक स्टंट है। उनका गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोलने से कांग्रेस को थोड़ा नुकसान जरूर होगा। क्योंकि आगामी चुनाव को देखते हुए गहलोत अपने विकास कार्यों की उपलब्धियों को लेकर सियासी एजेंडा सेट करने में जुटे हुए हैं। वे महंगाई राहत कैंप, चिरंजीवी योजना, 500 रुपये में गैस सिलेंडर, मुफ्त बिजली, पुरानी पेंशन स्कीम सहित कई काम को लेकर चुनावी मैदान में हैं। जिस तरह से गुढ़ा ने महिला सुरक्षा और लाल डायरी को विधानसभा में लहराया इससे कांग्रेस के खिलाफ वे नया नैरेटिव सेट में काफी हद तक सफल हो गए। क्योंकि गुढ़ा के आरोपों के बाद भाजपा को गहलोत और कांग्रेस को घेरने का एक मौका मिल गया। भाजपा अब खुलकर बोल रही है कि पिछले साढ़े चार सालों से भ्रष्टाचार के जो आरोप हम लगा रहे थे, उस पर अब कांग्रेस के विधायक ही मुहर लगा रहे हैं। विधानसभा चुनाव सिर पर हैं और ऐसे में इस तरह के आरोप लगने के बाद से कांग्रेस सरकार के लिए जवाब देना मुश्किल हो रहा है।
ये पहला मौका नहीं है, जब राजेंद्र गुढ़ा ने अपनी ही सरकार को निशाने पर लिया है। गुढ़ा करीब डेढ़ साल से अपनी ही सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। उनकी गिनती पहले अशोक गहलोत के करीबियों में से हुआ करती थी। हालांकि बाद में मंत्रालय से जुड़े मुद्दों पर मतभेद बढ़ते चले गए। हाल ही में जुलाई में गुढ़ा ने असदुद्दीन ओवैसी से मुलाकात की और कहा कि यह एक राजनीतिक मुलाकात थी। इसमें कई मुद्दों पर चर्चा हुई। राजस्थान सरकार की आलोचना करने वाले राजेंद्र गुढ़ा गहलोत कैबिनेट राज्यमंत्री थे। वे झुंझुनू जिले की उदयपुरवाटी सीट से विधायक हैं। 2020 के सियासी संकट के समय उन्होंने सरकार का साथ दिया था। गुढ़ा ने 2018 में बसपा के टिकट पर चुनाव जीता था। बाद में गुढा सहित बसपा के सभी विधायकों ने कांग्रेस में विलय कर दिया। वे पायलट समर्थक के तौर पर जाने जाते हैं। विवादित बयानों के लिए पहचाने वाले 12 वीं पास गुढ़ा पर 2 आपराधिक मुकदमे दर्ज है।
अब आगे क्या करेंगे राजेंद्र गुढ़ा?
पूर्व मंत्री गुढ़ा ने अपने बयानों से कांग्रेस नेतृत्व को नाराज तो कर दिया है। इसका नतीजा मंत्रिमंडल से बर्खास्तगी और अब विधानसभा से निलंबन के रूप में सामने आ चुका है। अब चर्चा है कि ‘अनुशासन तोड़ने’ के आरोप में उन्हें पार्टी से निकाला भी जा सकता है। साथ ही उनका राजनीतिक भविष्य क्या होगा, इसे लेकर भी चर्चाएं शुरू हो गई हैं। कुछ दिन पहले गुढ़ा ने जयपुर में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी से मुलाकात की थी। इससे कयासबाजी शुरू हुई कि गुढ़ा ओवैसी के साथ जा सकते हैं। लेकिन राजनीतिक जानकार कहते हैं कि ओवैसी की पार्टी से उनका चुनाव लड़ना मुश्किल है। क्योंकि जिस इलाके से वो आते हैं, वहां मुस्लिम वोट ज्यादा नहीं है। गुढ़ा का अपने क्षेत्र के अलावा कहीं ज्यादा प्रभाव भी नहीं है। बसपा के दरवाजे तो उनके लिए पहले से बंद हैं ही। 22 जुलाई को राजस्थान बसपा अध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने कह भी दिया कि राजेंद्र गुढ़ा ने दो बार विश्वासघात किया है, ऐसे में उन्हें शामिल नहीं किया जाएगा। जहां तक भाजपा में जाने का सवाल उस पर भी फिलहाल संचय लगा रहा है, क्योंकि गुढ़ा के इस कांड से पहले आए दिन भाजपा नेता उन्हें घेरती थी। वहीं भाजपा भी जानती है कि उनका बड़बोलापन कभी भी उनकी पार्टी पर भारी पड़ सकता है। ऐसे में भाजपा उन्हें शामिल करने से पहले उनके पुराने रिकॉर्ड जरूर देखेगी।
गुढ़ा कहां से लाए डायरी, क्या था वो पूरा घटनाक्रम?
- प्रदेश में वर्ष 2020 में सचिन पायलट गुट ने बगावत कर दी थी। राजस्थान सरकार अल्पमत में आ गई थी। इसके बाद सीएम के करीबी राजस्थान स्टेट इंडस्ट्रीज कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष राजीव अरोड़ा और आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ के यहां आयकर विभाग और ईडी की रेड हुई।
- इस रेड के समय से ही अंदरखाने एक लाल डायरी की चर्चा राजनीतिक हलकों में थी। लेकिन दो साल तक वह बात सामने नहीं आई। लेकिन नवंबर 2022 में राजेंद्र गुढ़ा ने डायरी को लेकर खुलासे किए। गुढ़ा ने कहा कि सीएम ने रेड के समय हमें टास्क दिया था। इसके बाद मैं धर्मेंद्र राठौड़ के जयपुर में सोमदत्त स्थित अपार्टमेंट पहुंचा। यहीं पर आयकर विभाग और ईडी की रेड हुई थी।
- रेड के समय 150 से ज्यादा सीआरपीएफ के जवान तैनात थे। लेकिन हमने स्थानीय पुलिस की मदद नहीं ली। घर के अंदर घुसकर गुढ़ा डायरी ले आए।
- सूत्रों के अनुसार धर्मेंद्र राठौड़ को डायरी लिखने की आदत थी। वह कई साल से रोजाना की मुलाकातें, बातचीत या उनके सामने घटने वाली घटना को तारीख दर तारीख डायरी में लिख देते थे। कांग्रेस से जुड़े नेता और धर्मेंद्र राठौड़ के करीबी भी ये बात जानते हैं। सूत्रों के अनुसार रेड के समय राठौड़ के पास दो डायरियां थीं और इनमें से एक राजेंद्र गुढ़ा ले आए थे। दूसरी डायरी ईडी के अधिकारी अपने साथ ले गए थे।
- सूत्रों के मुताबिक डायरी में वर्ष 2020 के सियासी घमासान और उससे पहले राज्यसभा चुनाव को लेकर राज्य सरकार से जुड़ी कई बड़ी घटनाओं का जिक्र है। गुढ़ा का कहना है कि इन सभी का जिक्र धर्मेंद्र राठौड़ ने अपनी डायरी में कर रखा था। गुढ़ा दावा करते हैं कि इनमें से एक डायरी उनके पास है, जिसमें राज्य सभा चुनाव के हिसाब-किताब सहित कई गोपनीय बातों को लेकर सभी सबूत हैं।
गुढ़ा के इन बयानों पर मचता रहा है बवाल
- “पायलट साहब आप चिंता मत करना, मैं आपको बताना चाहता हूं कि राजस्थान के सभी धर्म-जाति और बिरादरी का नौजवान आपके पीछे खड़ा है। मैं चुनौती देना चाहता हूं कि अगर मां का दूध पिया है तो पायलट साहब पर अनुशासन की कार्रवाई कर के बताओ।”
- “बसपा से चुनाव जीतता हूं मंत्री बनता हूं… कांग्रेस में और फिर दरी बिछाने का टाइम आता है, तो कांग्रेस वालों को कहता हूं संभालो तुम्हारी कांग्रेस, फिर बहन जी से टिकट लाता हूं बसपा से विधायक बनता हूं और फिर मंत्री बन जाता हूं, बताओ इस खेल में कोई कमी है क्या.”
- राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने दावा किया था कि 80 फीसदी विधायक सचिन पायलट के साथ हैं और उनसे बेहतर राजनेता कोई नहीं है।
- विधानसभा में राजेंद्र गुढ़ा ने अपनी ही सरकार को निशाने पर लेते हुए हमला बोला है। उन्होंने यहां तक कह डाला है कि मणिपुर के बजाय हमें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए।
- सचिन पायलट की अजमेर से जयपुर यात्रा के दौरान मई में राजेंद्र गुढ़ा ने सरकार पर खुलकर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। गुढ़ा ने कहा था कि हमारी सरकार भ्रष्टाचार में डूबी है, भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
- बीते दिनों राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने बयान दिया था कि सीता माता की सुंदरता की कोई कल्पना नहीं की जा सकती। इसलिए ही भगवान राम और रावण उनके पीछे लगे हुए थे। मुझ में भी कोई क्वॉलिटी होगी इसलिए गहलोत और पायलट इसलिए ही मेरे पीछे लगे हुए हैं।
- वहीं बीते दिनों जब झुंझुनू के रहने वाले एक परिवार के द्वारा मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा पर मामला दर्ज करवाया गया, तो राजेंद्र सिंह गुढा ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि मेरी पत्नी ने तो मुझे पहले ही कहा था कि सीएम से पंगा मत लो जेल में डलवा देंगे, अभी तो बाल बच्चे भी छोटे हैं। इस पर सफाई देते हुए मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने यह भी कहा था कि सीएम के पास ही गृह विभाग है। मुकदमा दर्ज करने के पहले उन्हें मुझे कम से कम पूरा मामला तो पूछना चाहिए था ना।