हरियाणा-कुरुक्षेत्र(बाबैन) : बाबैन पुलिस थाना में स्थित मित्र कक्ष में दिनांक 22 जुलाई 2023 को एक वर्दीधारी पुलिस हेड कांस्टेबल श्यामलाल ने अनुसूचित जाति की एक नाबालिग बालिका के साथ डरा धमका कर दुष्कर्म जैसा घृणित अपराध किया है। इस घृणित घटना की सूचना मिलने पर जन संघर्ष मंच हरियाणा की एक टीम-महासचिव सुदेश कुमारी, सोमनाथ और कर्मचंद पीड़िता व उसके परिजनों से मिली।
पीड़िता और उसकी मां व नानी ने रोते हुए गहरा रोष व्यक्त करते हुए बताया कि 17 जुलाई को एएसआई राजीव ने बच्ची की गुमशुदा होने की घटना के बारे में एफ़आईआर नंबर 105/ 18 मार्च 2023 के तहत पुलिस थाना बाबैन में 22 जुलाई के दिन बच्ची व उसकी मामी के बयान देने के लिए दोबारा थाने में बुलाया था लेकिन उस दिन एएसआई राजीव ने कहा कि आज मैं बयान नहीं ले सकता हूं और आप सोमवार को आ जाना। परिजनों ने बताया कि जब हम लोग चलने लगे तो वहां पर पुलिस वर्दी में मौजूद हेड कांस्टेबल श्याम लाल ने कहा कि मैं बच्ची के बयान लेकर मामला निबटा देता हूं , बच्ची व एक बूढ़ी नानी को छोड़कर बाकी सभी परिजनों को एफिडेविट बनवाने के लिए भेज दिया और बच्ची को पुलिस थाना में स्थित मित्र कक्ष में ले जाकर दुष्कर्म का अपराध कर दिया और धमकी दी कि यदि किसी को बताया तो तुझे जेल में डाल दूंगा। बाद में बच्ची ने रोते हुए थाने में ही अपनी मां व अन्य परिजनों को अपने साथ हुई इस घटना के बारे में बताया कि श्यामलाल पुलिस वाले ने मेरे साथ बुरा काम किया है। बच्ची की तबीयत खराब होने पर परिजन उसे सरकारी अस्पताल ले गए। डॉक्टर के रुक्का भेजने पर केस दर्ज हुआ। इससे पहले पुलिस मामला दर्ज करने में आनाकानी करती रही। परिजनों ने यह भी बताया कि उस दिन थाना में कोई महिला पुलिस कर्मी भी मौजूद नहीं थी। जब मुकदमा दर्ज होने ही वाला था उस समय भी इस अपराधी व उसके कुछ दल्ले आदमियों ने पैसे ले देकर मामला निपटाने की कोशिश की है।
परिजनों से मिलने के बाद मंच की टीम पुलिस थाना बाबैन गई और मौके को देखा। थाने के मुंशी के कमरे की खिड़की से मित्र कक्ष का दरवाजा साफ दिखता है मगर हैरानी की बात है कि किसी भी अन्य पुलिस वाले को इस घिनौने कांड की भनक नहीं लगी। थाने में 4 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं मगर थाने के मुन्शी ने बताया कि इस केस के आईओ डीएसपी शाहबाद हैं और सीसीटीवी फुटेज भी ऊपर से कंट्रोल है। महासचिव सुदेश कुमारी ने इस घिनौने कांड की कड़े शब्दों मैं निंदा करते हुए कहा कि इस घिनौने कांड ने खट्टर सरकार के महिला सुरक्षा के ढोंग और हरियाणा पुलिस के सेवा, सुरक्षा, सहयोग की पोल खोल कर रख दी है। यह बहुत गंभीर बात है कि नाबालिक बच्चियों को थाने में बुलाया जाता है, पोक्सो एक्ट की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। पुलिस थाने में ऐसी घृणित घटनाएं महिलाओं व सभ्य समाज के लिए गहन चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा कि जन संघर्ष मंच हरियाणा मांग करता है कि:
- दुष्कर्म के वर्दीधारी पुलिस अपराधी को फास्ट ट्रैक कोर्ट से कठोरतम सजा दिलवाई जाए।
- पोस्को एक्ट की उल्लंघना करने वाले पुलिस अफसरों पर कठोर कार्रवाई की जाए।
- लापरवाही बरतने वाले दूसरे पुलिसवालों पर भी कठोर कार्रवाई की जाए
- बच्चियों को किसी भी बहाने पुलिस थानों में बुलाना बंद किया जाए।
- पीड़ित बच्ची के पुनर्वास के लिए ₹50 लाख आर्थिक सहायता और बच्ची को सुरक्षित आवास तुरंत उपलब्ध कराया जाए।
- महिलाओं की सुरक्षा का पुख्ता प्रबंध किया जाए।
सुदेश कुमारी, प्रांतीय महासचिव, जन संघर्ष मंच हरियाणा