जयपुर : राजस्थान में प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपरलीक को रोकने के लिए पहले से बने कानून को और सख्त बना दिया है। बिल के नए प्रावधानों के अनुसार अब पेपरलीक मामले में पकड़े जाने पर उम्रकैद की सजा का प्रावधान किया गया है। वहीं अब जुर्माने को बढ़ाकर भी 10 करोड़ रुपए कर दिया गया है।
ये हैं नए बिल में प्रावधान
संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने शुक्रवार को विधानसभा में राजस्थान सार्वजनिक भर्ती परीक्षा संशोधन विधेयक 2023 को पटल पर रखा। बता दें कि इससे पहले सरकार ने इसी साल 5 अप्रैल को नकल विरोधी कानून पारित किया था। बिल में कुछ नए प्रावधान जोड़े गए हैं।
पेपरलीक और नकल का दोषी पाए जाने पर न्यूनतम 10 साल और अधिकतम उम्रकैद का प्रावधान है। अपराध साबित होने पर न्यूनतम 10 लाख रुपए और अधिकतम 10 करोड़ रुपए जुर्माने का प्रावधान किया गया है। जुर्माना न चुकाने की स्थिति में 2 साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी।
प्रदेश के हालात को देखते हुए संशोधन किया है
चर्चा के दौरान शांति धारीवाल ने कहा कि पेपरलीक का यह कानून अन्य राज्यों की अपेक्षा कठोर है। झारखंड-गुजरात में इस प्रकार के कानून के तहत 3-3 साल की सजा का प्रावधान हैं। प्रदेश के हालात को देखते हुए कानून में संशोधन किया है। नए कानून में कुर्की और परीक्षा व्यय की जब्ती का प्रावधान है।
उन्होंने कहा कि देश के कई राज्यों में पेपरलीक हुए हैं। वहीं विधानसभा में बिल पारित होने के बाद राजस्थान बेरोजगार संघ के अध्यक्ष उपेन यादव ने कहा कि यह हमारे संघर्षों की जीत है। सीएम से इस कानून को लेकर पहले ही सहमति बन गई थी।