झुंझुनूं-गुढ़ागौड़जी : कपड़ों की कतरन से पेंटिंग बनाने वाले यहां के इकबाल खान का नाम ओमजी बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ है। नेशनल रिकॉर्ड में नाम दर्ज होने पर लोगों में खुशी है। इकबाल की कला की खास बात ये है कि वह अपनी पेंटिंग में रंग का इस्तेमाल नहीं करते हैं। बल्कि वे कपड़ों की कतरन से ही अपने कैनवास को सजाते हैं।
वे अपने इस हुनर से हर किसी का चेहरा बना देते हैं। नेशनल रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने वाले इकबाल खान ने मीडिया को बताया कि वे अपने में परिवार में पहले ऐसे कलाकार हैं। वे कहते हैं कि मैंने एक दिन कतरनों को बिखरा देखा, तब मुझे उसमें एक आकृति दिखाई दी। तब मैंने कैनवास पर एक स्कैच बनाया। इस स्कैच पर इन कतरनों को ग्लू की मदद से चिपका दिया। एक पेंटिंग में दो से तीन माह का लगता है समय एक पेंटिंग के निर्माण में दो से तीन महीने का समय लगता है। एक पेटिंग में लगभग आधा से एक मीटर तक कपड़े की कतरन का इस्तेमाल होता है। ये सब वेस्ट कपड़े की कतरन से बनाया जाता है। इसमें प्रत्येक रंग के अनुसार कतरने काट कर लगाई जाती है।