मणिपुर : मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने के मामले में दो और आरोपी अरेस्ट किए गए हैं। गुरुवार रात तक चार आरोपी गिरफ्तार हुए हैं। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा- सरकार अपराधियों के लिए मौत की सजा पर विचार कर रही है।
इससे पहले सुबह पहले एक आरोपी को सुबह और एक को शाम के वक्त गिरफ्तार किया गया था। यह घटना 4 मई को राजधानी इंफाल से लगभग 35 किलोमीटर दूर कांगपोकपी जिले में हुई। इसका वीडियो बुधवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।
वीडियो में दिखाई दे रहा है कि दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके कुछ लोग ले जा रहे हैं। उनसे अश्लील हरकतें कर रहे हैं।
घटना के विरोध में गुरुवार सुबह मणिपुर के चुराचांदपुर में प्रदर्शन शुरू हो गया। हजारों लोगों ने काले कपड़े पहनकर प्रदर्शन किया और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की।
महिलाओं को नग्न घुमाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वीडियो देखकर हम बहुत परेशान हुए हैं। हम सरकार को वक्त देते हैं कि वो कदम उठाए। अगर वहां कुछ नहीं हुआ तो हम कदम उठाएंगे।
वहीं, PM मोदी ने कहा कि इस घटना ने 140 करोड़ भारतीयों को शर्मसार किया है। किसी भी गुनहगार को बख्शा नहीं जाएगा।
मणिपुर पुलिस ने किडनैपिंग, गैंगरेप और हत्या का मामला दर्ज कर एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। बाकियों की तलाश जारी है। मणिपुर CM एन बीरेन सिंह ने कहा है कि हम सभी आरोपियों की मौत की सजा दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे।
प्रधानमंत्री बोले- मेरा दिल पीड़ा और क्रोध से भरा है
PM मोदी ने कहा, ‘मेरा दिल आज पीड़ा और क्रोध से भरा है। ये घटना किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्मसार करने वाली घटना है। मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ, उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता। ये बेइज्जती पूरे देश की हो रही है।’
उन्होंने कहा- ‘मैं सभी मुख्यमंत्रियों से कहता हूं कि कानून-व्यवस्था को मजबूत करें। माताओं-बहनों की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाएं। हिंदुस्तान के किसी भी कोने या किसी भी राज्य में राजनीतिक वाद-विवाद से ऊपर उठकर कानून-व्यवस्था और बहनों का सम्मान प्राथमिकता है।’
SC बोला- यह संविधान का सबसे घृणित अपमान
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और मणिपुर सरकार से पूछा है कि अपराधियों पर कार्रवाई के लिए आपने क्या कदम उठाए हैं। CJI ने कहा कि सांप्रदायिक संघर्ष के दौरान महिलाओं का एक औजार की तरह इस्तेमाल कभी स्वीकार नहीं किया जा सकता है। यह संविधान का सबसे घृणित अपमान है। मामले में अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी।
मणिपुर के वायरल वीडियो पर बयान…
- शिवसेना (ठाकरे गुट) के नेता आदित्य ठाकरे ने कहा- घटना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसी घटना अपने देश में हुई है यह कल्पना के परे है। मणिपुर के मुख्यमंत्री राजधर्म का पालन करें और इस्तीफा दें।
- कांग्रेस नेता अलका लांबा ने ट्वीट में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को टैग करते हुए कहा कि आप एक महिला होकर कैसे चुप रहकर यह सब देखती रह सकती हैं।
- कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि समाज में हिंसा का सबसे ज्यादा दंश महिलाओं और बच्चों को झेलना पड़ता है।
एक और वीडियो वायरल, इसमें मैतेई लोगों की हत्या का दावा
महिलाओं का वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें कई लोगों के शव दिखाई दे रहे हैं। पोस्ट करने वाले शख्स ने दावा किया है कि ये वीडियो जून का है, जब कुकी समुदाय ने सुगनू इलाके के आसपास मैतेई गांवों में लोगों की हत्या की थी।
सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो की पुलिस ने अभी तक पुष्टि नहीं की है। वीडियो शेयर करने वाले ने देश के तमाम मीडिया हाउस, केंद्रीय मंत्रियों और मणिपुर के मुख्यमंत्री को भी टैग किया है।
- यूजर ने लिखा- बताइए क्या ये वीडियो किसी भी तरह से उन महिलाओं के वीडियो से कम दहलाने वाला है। उन महिलाओं के साथ जो हुआ, उसकी मैं और कई मैतेई लोग निंदा कर रहे हैं और कड़ी सजा की मांग रहे हैं।
- वीडियो शेयर करने वाले ने सवाल किया- क्या किसी कुकी व्यक्ति ने इस वीडियो में दिखाई गई हिंसा की निंदा की है? वीडियो बनाने वाला मैतेई लोगों के जले हुए शव दिखाते हुए बोल रहा है कि मैं खुश हूं। किस नेशनल या इंटरनेशनल मीडिया ने इस वीडियो को रिपोर्ट किया।
फेसबुक-ट्विटर पर वीडियो शेयर करने पर रोक
न्यूज एजेंसी ANI ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया है कि सरकार ने फेसबुक-ट्विटर और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को निर्वस्त्र महिला की वीडियो को शेयर न करने का आदेश दिया है। आदेश का उल्लंघन होने पर केंद्र सरकार ट्विटर के खिलाफ एक्शन ले सकती है।
मामले की FIR में क्या है…
- 4 मई की दोपहर करीब 3 बजे करीब 800-1000 लोग कांगपोकपी जिले में स्थित हमारे गांव बी. फीनोम में घुस आए। उन्होंने घरों में तोड़फोड़ की, घरों का फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक, बर्तन, कपड़े और नकदी लूटने के बाद घरों में आग लगा दी।
- हमें संदेह है कि हमलावर मैतेई युवा संगठन, मैतेई लीपुन, कांगलेइपाक कनबा लुप, अरामबाई तेंगगोल, विश्व मैतेई परिषद और अनुसूचित जनजाति मांग समिति से थे।
- हमलावरों के डर से कई लोग जंगल की ओर भाग गए, उन्हें नोंगपोक सेकमाई पुलिस ने बचाया। हमलावरों के पास कई हथियार भी थे। उन्होंने सभी लोगों को पुलिस की हिरासत ले छुड़ा लिया।
- उन्हें 56 साल के सोइटिंकम वैफेई की हत्या कर दी। इसके बाद तीन महिलाओं को कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया।
- हमलावरों ने महिलाओं के साथ गैंगरेप किया। एक महिला के भाई ने अपनी बहन को बचाने की कोशिश की, लेकिन हमलावरों ने उसकी हत्या कर दी।
पुलिस बोली- आरोपियों की तलाश जारी
मणिपुर पुलिस ने बताया- वीडियो में भीड़ महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करती दिख रही है। महिलाएं रो रही हैं और भीड़ से गुहार लगा रही हैं। नांगपोक साकमई पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया है, मामले की जांच की जा रही है। बाकी आरोपियों की तलाश जारी है।
4 पॉइंट्स में जानिए क्या है मणिपुर हिंसा की वजह…
मणिपुर की आबादी करीब 38 लाख है। यहां तीन प्रमुख समुदाय हैं- मैतेई, नगा और कुकी। मैतई ज्यादातर हिंदू हैं। नगा-कुकी ईसाई धर्म को मानते हैं। ST वर्ग में आते हैं। इनकी आबादी करीब 50% है। राज्य के करीब 10% इलाके में फैली इम्फाल घाटी मैतेई समुदाय बहुल ही है। नगा-कुकी की आबादी करीब 34 प्रतिशत है। ये लोग राज्य के करीब 90% इलाके में रहते हैं।
कैसे शुरू हुआ विवाद: मैतेई समुदाय की मांग है कि उन्हें भी जनजाति का दर्जा दिया जाए। समुदाय ने इसके लिए मणिपुर हाईकोर्ट में याचिका लगाई। समुदाय की दलील थी कि 1949 में मणिपुर का भारत में विलय हुआ था। उससे पहले उन्हें जनजाति का ही दर्जा मिला हुआ था। इसके बाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से सिफारिश की कि मैतेई को अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल किया जाए।
मैतेई का तर्क क्या है: मैतेई जनजाति वाले मानते हैं कि सालों पहले उनके राजाओं ने म्यांमार से कुकी काे युद्ध लड़ने के लिए बुलाया था। उसके बाद ये स्थायी निवासी हो गए। इन लोगों ने रोजगार के लिए जंगल काटे और अफीम की खेती करने लगे। इससे मणिपुर ड्रग तस्करी का ट्राएंगल बन गया है। यह सब खुलेआम हो रहा है। इन्होंने नागा लोगों से लड़ने के लिए आर्म्स ग्रुप बनाया।
नगा-कुकी विरोध में क्यों हैं: बाकी दोनों जनजाति मैतेई समुदाय को आरक्षण देने के विरोध में हैं। इनका कहना है कि राज्य की 60 में से 40 विधानसभा सीट पहले से मैतेई बहुल इम्फाल घाटी में हैं। ऐसे में ST वर्ग में मैतेई को आरक्षण मिलने से उनके अधिकारों का बंटवारा होगा।
सियासी समीकरण क्या हैं: मणिपुर के 60 विधायकों में से 40 विधायक मैतेई और 20 विधायक नगा-कुकी जनजाति से हैं। अब तक 12 CM में से दो ही जनजाति से रहे हैं।