कोटा : राजस्थान की कोचिंग सिटी कोटा में प्राइम लोकेशन पर बेवफा चाय वाले की टी-स्टाल है। बेवफा चाय वाले के पास आपको बेवफा दर्द, बेवफा के आंसू और ब्रेकअप समेत 20 तरह की चाय मिलेगी। एमबीए चाय वाला, ग्रेजुएशन चाय वाला की तरह कोटा के बेवफा चाय वाला की अपनी एक कहानी है।
बेवफा चाय वाला टी-स्टाल खोलने के पीछे की कहानी कोई मोटिवेशनल नहीं, बल्कि दर्दभरी है। दुकान खोलने वाला बेवफा नहीं है, बेवफाई तो इसकी पत्नी ने की। मीडिया से बातचीत में मध्यप्रदेश के रहने वाले दीपक बताते हैं कि उनकी पत्नी ने धोखा दिया तो वे कोटा आकर बेवफा चाय वाला नाम से दुकान खोल ली।
‘टूटे हुए दिलों का अस्पताल’
दीपक ने टी-स्टाल का नाम बेवफा चाय वाला रखने के साथ-साथ चाय की वैरायटी के नाम भी बेवफाई से जोड़कर रखे हैं। दुकान के नाम के साथ ‘हर दर्द की दवा’, ‘टूटे हुए दिलों का अस्पताल’ सरीखे स्लोगन और ‘धोखेबाजों का यहां आना सख्त मना है’ लिखवाया, जो लोगों के दिलों को छू गए और टी-स्टाल शानदार कमाई देने लगी। दीपक का सालाना टर्न ओवर लाखों में पहुंच चुका है। एमबीए चाय वाला की तर्ज पर दीपक टर्न ओवर को करोड़ों में पहुंचाना चाहता है।
चाय वाले को कब हुआ था प्यार
मीडिया से बातचीत में अपनी पत्नी की बेवफाई की कहानी बताते दीपक कहते हैं कि होटल मैनेजमेंट का डिप्लोमा करने के बाद साल 2012 में पंजाब के बठिंडा के होटल में वेटर का काम करता था। इस दौरान उसे एक लड़की से प्यार हो गया था। उसी से परिजनों की सहमति से अरेंज मैरिज की। फिर बठिंडा छोड़ आ गए और साल 2014 में दिल्ली के एक क्लब में सुपरवाइजर बना। फिर प्रमोशन पाकर मैनेजर पद तक पहुंचे।
साल 2019 में पत्नी बच्चे को लेकर पारिवारिक परिस्थितियों के कारण अलग रहने लगी। उसे काफी समझाया, मगर वह नहीं मानी। फिर पत्नी से जुदाई के गम को भुलाने के लिए साल 2021 में डेढ़ लाख रुपये लगाकर कोटा के लैंडमार्क इलाके में ‘बेवफा चाय’ के नाम से टी-स्टाल शुरू की। जनवरी 2023 में जवाहर नगर और फिर कोरल पार्क में टी-स्टाल शुरू की।