नई दिल्ली : वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा को मात देने मकसद के लिए विपक्षी दलों की बैठक में आम आदमी पार्टी के शामिल होने और नए गठबंधन ‘इंडिया’ पर सहमति से दिल्ली की राजनीति में नए समीकरण बनने के आसार हैं।
संभावना जताई जा रही है कि इस बार के चुनाव में आप और कांग्रेस साथ आ सकती है। बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक के बाद आप नेताओं की सोशल मीडिया पर इंडिया को लेकर बयानबाजी व मुहिम कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की ओर इशारा कर रही है।
उधर, प्रदेश कांग्रेस इस मामले में चुप्पी साधे हुई है। दरअसल विपक्षी दलों की बैठक में आप इस शर्त पर शामिल हुई थी कि दिल्ली के संबंध में केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ कांग्रेस राज्यसभा में उसका साथ दे। उधर कांग्रेस ने आप के शर्त को मान लिया है, मगर राजनीतिक गलियारों में सवाल उठ रहा है कि राज्यसभा में अध्यादेश के संबंध में फैसला होने के बाद आप इंडिया गठबंधन में रहेगी
या नहीं?
हालांकि, राजनीतिक विशेषज्ञ कहते है कि इंडिया गठबंधन में रहना आप की मजबूरी होगी, क्योंकि वह दिल्ली विधानसभा चुनाव में दो बार भारी बहुमत से जीत चुकी है, लेकिन दो लोकसभा चुनाव में वह एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं कर सकी है।राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि आप व कांग्रेस के मिलकर चुनाव लड़ने पर भाजपा की राह मुश्किल हो सकती है।
वर्ष 2014 लोकसभा चुनाव में भाजपा को 46 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि आम आदमी पार्टी को 32 प्रतिशत और कांग्रेस को 15 प्रतिशत वोट ही मिले थे। वहीं वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा करीब 57 प्रतिशत वोट मिले थे