Sahara Group : सहारा समूह के निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए केंद्र सरकार सहारा रिफंड पोर्टल लॉन्च कर रही है। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह मंगलवार को दिल्ली में इसे लॉन्च करेंगे। इससे सहारा समूह की चार सहकारी समितियों के उन सभी वास्तविक निवेशकों के पैसे लौटाए जाएंगे, जिनकी जमा करने की अवधि पूरी हो चुकी है।
इस पोर्टल से सहकारी समितियों के प्रमाणिक जमाकर्ता अपने दावे ऑनलाइन प्रस्तुत कर सकेंगे। इसमें दिए गए लिंक को क्लिक करके उसमें सेबी सहारा ऑनलाइन एप्लीकेशन-2023 का पेज खुलेगा। इसमें समस्त जानकारी उपलब्ध करानी होगी।
पैसा क्लेम करने के लिए क्या करना होगा?
सबसे पहले निवेशकों को पता करना होगा कि सहारा समूह की किस समिति में पैसा लगाया है। इससे जुड़े दस्तावेजों को जमा करना होगा। सहारा एजेंट की इसमें क्या भूमिका होगी इससे जुड़ी जानकारी पोर्टल के लॉन्च होने के बाद ही पता लगेगी।
4 को-ऑपरेटिव सोसाइटी के निवेशक ही कर सकेंगे आवेदन
- सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड
- सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड
- हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड
- स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड
5,000 करोड़ रुपए ट्रांसफर होंगे
सहारा ग्रुप की सहकारी समितियों के वास्तविक सदस्यों/जमाकर्ताओं की शिकायतों को दूर करने के लिए मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन दायर किया था। मार्च में, सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि सहारा ग्रुप की सहकारी समितियों के वास्तविक जमाकर्ताओं के बकाया के भुगतान के लिए ‘सहारा-सेबी रिफंड अकाउंट’ से 5,000 करोड़ रुपए सेंट्रल रजिस्ट्रार ऑफ कोऑपरेटिव सोसाइटीज (CRCS) में ट्रांसफर किए जाएं।
जस्टिस सुभाष रेड्डी की निगरानी में पूरी की जाएगी प्रोसेस
डिपॉजिटर्स को पैसा सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज आर सुभाष रेड्डी की निगरानी लौटाया जाना है। इस मामले में एडवोकेट गौरव अग्रवाल जस्टिस रेड्डी को असिस्ट करेंगे। सुप्रीम कोर्ट के अगस्त 2012 में सहारा ग्रुप की दो कंपनियों सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन (SIRECL) और सहारा हाउसिंग इंडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड (SHICL) को इन्वेस्टर्स का पैसा लौटाने के निर्देश के बाद सहारा-सेबी एस्क्रो अकाउंट खोले गए थे। जिसमें सहारा ग्रुप की ओर से पैसे जमा करवाए गए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने वास्तविक जमाकर्ताओं के भुगतान के लिए सहारा-सेबी रिफंड खाते से 5 हजार करोड़ रुपये सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार सीआरसीएस को हस्तांतरित करने का आदेश दिया था। सरकार ने कहा था कि सहारा की 4 सहकारी समितियों के 10 करोड़ निवेशकों को 9 माह में पैसा लौटाया जाएगा। सहारा-सेबी फंड में 2,400 करोड़ जमा हैं। इसमें सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लि., सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव व स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव के जमाकर्ता दावे पेश कर सकेंगे।
क्या है सहारा रिफंड पोर्टल?
सहारा रिफंड पोर्टल उन निवेशकों के लिए लॉन्च किया गया है, जिन्होंने वर्षों पहले सहारा की योजनाओं में पैसा लगाया था और उसकी अवधि पूरी हो चुकी है, लेकिन उनको पैसा वापस नहीं मिला है। ये पोर्टल सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार ही लॉन्च किया गया है, जिसमें सरकार से कहा गया है कि दिसंबर से पहले निवेशकों को पैसा लौटाना है।
इस पोर्टल पर सहारा के निवेशकों को उनका पैसा कैसे वापस मिलेगा, इसकी प्रक्रिया के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी। इस पोर्टल के जरिए सरकार की कोशिश निवेशकों को पारदर्शी तरीके से पैसे लौटाने की है।
बता दें, सहारा निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए सहकारिता मंत्रालय की ओर से 29 मार्च, 2023 को अर्जी दाखिल की गई थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सहारा -सेबी रिफंड खाते से केंद्रीय रजिस्ट्रर को पांच हजार करोड़ रुपये ट्रांसफर करने को कहा था, जिसके बाद पैसा रिफंड करने के लिए ये पोर्टल लॉन्च किया गया है।
सहारा समूह के निवेशकों में अधिकतर मध्यम एवं निम्न आय वर्ग के लोग हैं। ये उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब और मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों के हैं।
बड़ी प्राइवेट कंपनियों में से एक हुआ करती थी सहारा
सहारा देश की बड़ी प्राइवेट कंपनियों में से एक हुआ करती थी, जिसके 11 लाख से ज्यादा कर्मचारी थे। रियल एस्टेट, फाइनेंस, इंफ्रास्ट्रक्चर, मीडिया एंड एंटरटेनमेंट, हेल्थ केयर, हॉस्पिटैलिटी, रिटेल, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से लेकर स्पोर्ट्स तक सहारा इंडिया का बिजनेस फैला था। 11 सालों तक यह ग्रुप टीम इंडिया का स्पॉन्सर रहा।
सुब्रत रॉय पर सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन (SIRECL) और सहारा हाउसिंग इंडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड (SHICL) में नियमों के खिलाफ लोगों से पैसे निवेश करवाने का आरोप लगा था। इस मामले में उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत रॉय को 24,400 करोड़ रुपए निवेशकों को लौटाने को कहा था। तब से लेकर आज तक ये केस चल रहा है।