Titanic Tourist Submarine : अटलांटिक महासागर में टाइटैनिक के मलबे को देखने के लिए लोगों को ले जाने वाली पनडुब्बी लापता हो गई है। पनडुब्बी को ट्रैक करने के लिए खोज और बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि लापता होने के समय उसमें कितने लोग सवार थे।
बीबीसी ने बोस्टन कोस्टगार्ड के हवाले से बताया कि टाइटैनिक के मलबे को देखने के लिए लोगों को ले जाने वाली पनडुब्बी अटलांटिक महासागर में लापता हो गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि न्यूफ़ाउंडलैंड के तट पर पनडुब्बी के लिए एक खोज और बचाव अभियान चलाया जा रहा है।
टाइटैनिक का मलबा अटलांटिक महासागर के तल पर 3800 मीटर नीचे है। मलबा कनाडा के न्यूफाउंडलैंड के तट से लगभग 600 किमी दूर है।
अपने समय का सबसे बड़ा जहाज था टाइटैनिक
टाइटैनिक अपने समय का सबसे बड़ा जहाज था। 15 अप्रैल 1912 को इंग्लैंड से न्यूयॉर्क तक अपनी यात्रा पर निकला था। लेकिन रास्ते में एक हिमखंड से टकराने के बाद डूब गया था। जहाज पर 2200 यात्री सवार थे। 1500 से अधिक क्रू मेंबर्स थे। सभी की मौत हो गई थी।
गहरे समुद्र में मलबे की खोज 1985 में की गई थी और तब से विशेषज्ञों द्वारा इसका पता लगाया जा रहा है। इस साल फरवरी में मलबे की पिछली यात्राओं में से एक का एक वीडियो जारी किया गया था। जिसमें जहाज के अवशेषों के 80 मिनट के अनकट फुटेज की पेशकश की गई थी। मई में जहाज़ की तबाही का पहला पूर्ण आकार का 3डी स्कैन प्रकाशित किया गया था। जिसमें उच्च-रिज़ॉल्यूशन वाली छवियां शामिल थीं, जो गहरे समुद्र के मानचित्रण का उपयोग करके बनाई गई थीं।
पनडुब्बी का मलबा मिला
अमेरिकी तट रक्षक का कहना है कि जहां टाइटैनिक का मलबा है वहां पनडुब्बी का मलबा मिला है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि यह मलबा लापता पनडुब्बी से जुड़ा है या नहीं। अधिकारियों ने गुरुवार को ट्वीट किया कि अधिकारी जानकारी का मूल्यांकन कर रहे हैं।
घटनास्थल पहुंची मेडिकल टीम
टाइटैनिक मलवा दिखाने ले गई पनडुब्बी के बचाव के लिए प्रयास जारी हैं। वहीं एक कनाडाई अधिकारी ने कहा कि मेडिकल टीम घटनास्थल पर पहुंच चुकी है। पनडुब्बी खोज प्रयासों के समर्थन में एमआरसीसी (समुद्री बचाव समन्वय केंद्र) बोस्टन की सहायता करना जारी है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त, तीन कनाडाई तट रक्षक जहाज – जॉन कैबोट, एन हार्वे और टेरी फॉक्स घटनास्थल पर हैं और जरूरत पड़ने पर उपकरण और कर्मी उपलब्ध करा सकते हैं।
रोबोटिक सर्च ऑपरेशन चलाया
अमेरिकी तटरक्षकों ने कहा धमाके की आवाज कहां से आई इसका पता लगाने के लिए मंगलवार को सर्च टीमों ने पानी के नीचे रोबोटिक सर्च ऑपरेशन (आरओवी) चलाया। हालांकि, इसका कोई फायदा नहीं हुआ। वहीं, तटरक्षकों ने इस बारे में कुछ खास जानकारी नहीं दी है। उन्होंने न तो ये बताया है कि ये धमाके कहां सुनाई दिए और न ही ये बताया कि इन धमाकों का कैसे पता लगाया।
आइए जानते है कि पनडुब्बी को खोजने के लिए क्या कुछ कदम उठाए जा रहे हैं-
- पनडुब्बी को खोजने के लिए एक बहुराष्ट्रीय ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इसका हिस्सा अमेरिकी तट रक्षक, कनाडाई सैन्य विमान, फ्रांसीसी जहाज और टेलीगाइडेड रोबोट हैं।
- अमेरिकी तट रक्षक के अनुसार, पनडुब्बी पर मौजूद लोगों के पास चार घंटे से भी कम समय की ऑक्सीजन बची है। इसलिए बचाव दल चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं।
- इस पनडुब्बी को आपात स्थिति में 96 घंटे तक ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए तैयार किया गया था।
- बताया जा रहा है कि पनडुब्बी के चालक दल के पास सीमित राशन था।
- लापता जहाज पर सवार पांच लोगों में ब्रिटिश अरबपति हामिश हार्डिंग, पाकिस्तानी टाइकून शहजादा दाऊद और उनका बेटा शामिल हैं।
- पनडुब्बी जहाज की तलाश कर रहे सोनार क्षमताओं वाले एक कनाडाई विमान ने बुधवार को कुछ आवाजें सुनीं। बाद में, संचालित वाहनों को उस क्षेत्र में ले जाया गया, जहां से आवाजें उत्पन्न हुई थीं।
- धमाकों की आवाज के बाद लोगों को उम्मीद जगी है कि पनडुब्बी पर मौजूद लोग जिंदा है। हालांकि, विशेषज्ञ उनके स्रोत की पुष्टि नहीं कर पाए हैं।
- तटरक्षक कप्तान जेमी फ्रेडरिक ने कहा कि आवाजों के बारे में कुछ खास नहीं पता है। लेकिन ये है कि अभी उम्मीद है कि लोगों को बचाया जा सकता है।
- कैप्टन फ्रेडरिक ने कहा कि कभी-कभी आप ऐसी स्थिति में होते हैं, जहां आपको कठिन निर्णय लेना पड़ता है। हम अभी तक वहां नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यह 100 प्रतिशत खोज और बचाव मिशन बना हुआ है।
- लापता पनडुब्बी के बारे में जानने के लिए आम लोग भी उत्सुक हैं। वे लोग लगातार अपने टीवी से जुड़े हुए हैं।
- विशेषज्ञों ने 2018 में पनडुब्बी के बारे में सुरक्षा चिंताओं को उठाया था।