जनमानस शेखावाटी संवाददाता : नीलेश मुदगल
झुंझुनूं-सूरजगढ़ : सर्व समाज समरसता एवं सर्वांगीण विकास समिति के बैनर तले राष्ट्रीय संत, महान कवि और अपने दोहों के माध्यम से समाज को आईना दिखाने वाले कबीर दास जी की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर शिक्षाविद मोतीलाल डिग्रवाल ने कबीर दास जी के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कबीर जी निराकार ईश्वर के उपासक थे। उन्होंने अंधविश्वास, रूढ़िवादिता और पाखंड के खिलाफ जीवनपर्यंत लड़ाई लड़ी। कबीर जी ने अपने दोहों, कविताओं के माध्यम से समाज को जागृत करने का भरसक प्रयास किया।
इस अवसर पर राधेश्याम चिरानिया पूर्व प्रबंधक पी एन बी, प्रभु दयाल सोंकरिया डी ओ एल आई सी, शिक्षाविद रतनलाल चेतीवाल, जगदीश प्रसाद कनवाडिया एक्स पोस्ट मास्टर, एडवोकेट मनोज डिग्रवाल, शांति देवी डिग्रवाल, सुमन डिग्रवाल, समाजसेवी सज्जन कटारिया, सर्व समाज समरसता एवं सर्वांगीण विकास समिति के सचिव ओमप्रकाश सेवदा ने वर्तमान हालातों का जिक्र करते हुए कहा कि कबीर जी ने चार प्रकार की रचनाएं की जैसे शब्द, साखी, रेमैनी व उल्टवासिया जो उनके द्वारा लिखित बीजक में संग्रहित है।
आज सर्व समाज में समरसता, समानता, स्वतंत्रता,बंधुत्व और न्याय के लिए आगे आकर प्रयास करने चाहिए। वर्तमान हालातों में आपसी भाईचारे एवं सौहार्द की नितांत आवश्यकता है। इस मौके पर कई लोगों ने कबीर जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया गया।