जनमानस शेखावाटी संवाददाता : नीलेश मुदगल
झुंझुनूं : उद्यान विभाग द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाइ) अन्तर्गत खजूर के टिश्यूकल्चर तकनीक से उत्पादित पौधे तथा ऑफसूट से उत्पादित पौधो पर अनुदान दिया जा रहा है।
अनुदान:- खजूर पौध रोपण पर कृषकों को अनुदान सहायता टिश्युकल्चर तकनिक से तैयार पौधों पर प्रति पौधा 3000 रूपयें या प्रति पौधा ईकाई लागत का 75 प्रतिशत जो भी कम के तुरुत हो दिया जायेगा। तथा ऑफसूट तकनिक से तैयार पौधों पर मातृ पौधे से अलगाव बाद के ऑफसूट खजूर के प्रति पौधा क्रय मुल्य 1000 हजार का 75 प्रतिशत एवं जड विकसित/ जमाव उपरान्त प्लास्टिक थैली सहित खजूर पौधे के क्रय मुल्य 1500 रूपये का 75 प्रतिशत देय है। अनुदान हेतु आवश्यक पात्रता व दस्तावेजः- कृषक के पास स्वयं के नाम कम से कम 0.5 हैक्टयर भूमी का होना अनिवार्य है एक कृषक को न्यूनतम 0.5 हैक्टयर व अधिकतम 4.0 हैक्टयर तक पौधे उपलब्ध करवाये जा सकते है | कृषक द्वारा आवेदन पत्र के साथ खेत की जमांबदी (जो की छः माह से अधिक पुरानी नही हो), नक्शा ट्रेस, स्थायी सिचाई के स्त्रोत का प्रमाण-पत्र, जन आधार कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट साईज फोटो तथा अनुदान हेतु ड्रिप स्थापना अनिवार्य होगी।
खजूर की टिश्युकल्चर तकनीक से उत्पादित बरही, खुनैजी, मेडजूल खलास, खदरावी, सगई, जामली, हलावी, एवं अजवा किस्मों के मादा पौधो पर अनुदान देय होगा एवं शेष किस्में पिण्ड वाली है। तकनिकी रूप से खुनेजी, बरही, ताजा फलो वाली किस्में खजूर पौध रोपण हेतु प्रति हैक्टेयर 156 पौधे उपलब्ध करवाये जायेगे जिनमें से 148 मादा व 8 नर पौधे उपलब्ध करवाये जायेगे। में गत वर्ष जिले में 7.0 हैक्टयर में खजूर के पौधों पर अनुदान देकर 9 कृषको को लाभान्वित किया गया तथा इस वर्ष 100 हैक्टयर में खजूर के पौधे लगाने पर अनुदान दिया जाना प्रस्तावित है। अतः अधिक से अधिक कृषक इस योजना का लाभ लेने हेतु आवेदन करे ताकि वर्षा की सीजन में कृषको को पौधे अनुदान पर उपलब्ध करवाये जा सके।