हनुमानगढ़ : राजस्थान के हनुमानगढ़ में मिग-21 का फाइटर जेट क्रैश हो गया है। ये हादसा बहलोल नगर में हुआ है। जेट एक घर पर गिरा। इस घर में रहने वाली 3 महिलाओं की मौत हो गई। एक घायल की स्थिति गंभीर है। पुलिस ने बताया कि पायलट सुरक्षित है। हादसे के बाद घटनास्थल पर बड़ी संख्या में ग्रामीण जमा हो गए हैं। पुलिस ने बताया कि पायलट सुरक्षित है।
मृतकों के नाम बशोकौर (45), बंतो (60) और लीला देवी (55) हैं। पायलट राहुल अरोड़ा (25) ने पैराशूट से कूदकर अपनी जान बचाई। उन्हें सूरतगढ़ भेजा गया है।
#WATCH | Indian Air Force MiG-21 fighter aircraft crashed near Hanumangarh in Rajasthan. The aircraft had taken off from Suratgarh. The pilot is safe. More details awaited: IAF Sources pic.twitter.com/0WOwoU5ASi
— ANI (@ANI) May 8, 2023
सूतरगढ़ एयरपोर्ट से 25 किमी दूर मिला फाइटर जेट का पायलट
एयरफोर्स ने कहा, “मिग-21 ट्रेनिंग उड़ान पर था। उड़ान के दौरान पायलट को इमरजेंसी सिचुएशन का पता चला, उसने एयरक्राफ्ट को संभालने की कोशिश की। जब वह ऐसा नहीं कर पाया, तो उसने विमान से इजेक्ट करने का फैसला किया। सूरतगढ़ एयरबेस से करीब 25 किलोमीटर दूर पायलट मिला। उसे मामूली चोटें आई हैं। हादसे की जांच शुरू कर दी गई है।”
जिस घर पर क्रैश, उसके बगल के मकान की छत भी गिरी
हादसे में सरोज (18, विमला (19) और वीरपाल कौर (32) घायल हुई हैं। मिग-21 क्रैश के बाद हुए धमाके से पड़ोस के एक दूसरे मकान की छत गिर गई। इस मकान में रहने वाली महिला को भी चोटें आई हैं।
फाइटर जेट हादसे की तस्वीरें…
जोरदार धमाका और पूरा घर ध्वस्त…
ग्रामीण प्रहलाद ने बताया कि विमान के घर पर गिरने के बाद जोरदार धमाका हुआ। धमाके की आवाज सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे तो देखा कि घर ध्वस्त हो गया था। घर में मौजूद 3 महिलाओं की मौके पर ही मौत हो गई थी। आसपास के घरों को भी नुकसान पहुंचा है। उन्होंने बताया कि पुलिस-प्रशासन के लोग जब तक पहुंचे, लोगों ने शव बाहर निकाल लिए थे। घायलों को अस्पताल भिजवाया गया। इसके बाद जेसीबी से मलबे में और लोगों की तलाश की, लेकिन कोई डेडबॉडी नहीं मिली। गांव में करीब 600 घर हैं।
50-50 लाख रुपए मुआवजा की मांग
हादसे में मारी गईं महिलाओं के परिजन शवों को रखकर सरकारी नौकरी और मुआवजे की मांग पर अड़ गए थे। इस पर मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की गई है, जबकि नौकरी के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजने की बात कही थी। परिजन 50 लाख मुआवजा की मांग पर अड़े हैं। परिजनों ने शवों का पोस्टमाॅर्टम करवाने से इनकार कर दिया। पीलीबंगा हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी के बाहर परिजन धरने पर बैठ गए।
16 महीने, 7 बार क्रैश हुआ MIG-21
5 जनवरी 2021: राजस्थान के सूरतगढ़ में हुआ था। इस हादसे में पायलट सुरक्षित बाहर निकलने में सफल रहा था।
17 मार्च 2021: मध्य प्रदेश के ग्वालियर के पास एक मिग-21 बाइसन प्लेन क्रैश हुआ था। IAF ग्रुप कैप्टन की इस घटना में मौत हो गई थी।
20 मई 2021: पंजाब के मोगा में मिग-21 की दूसरी दुर्घटना हुई। इस हादसे में पायलट की जान चली गई थी।
25 अगस्त 2021: राजस्थान के बाड़मेर में मिग-21 एक बार फिर हादसे का शिकार हुआ। इस प्लेन क्रैश में पायलट खुद को बचाने सफल रहा था।
25 दिसंबर 2021: राजस्थान में ही मिग-21 में बाइसन दुर्घटनाग्रस्त हुआ। इस हादसे में पायलट की जान चली गई थी।
28 जुलाई 2022: राजस्थान के बाड़मेर में मिग-21 विमान क्रैश हो गया। इस घटना में दो पायलट्स की जान चली गई थी।
8 मई 2023: राजस्थान के बाड़मेर में मिग-21 विमान क्रैश हो गया। पायलट सुरक्षित।
जोधपुर में मकान की दीवार तोड़ ड्राइंग रूम तक पहुंच गया था मिग
जोधपुर में सात साल पहले भी ऐसा ही हादसा हुआ था। 13 जून 2016 को ट्रेनिंग फ्लाइट पर उड़ा मिग-27 फाइटर प्लेन महावीर नगर में क्रैश हो गया था। वह एक घर की दीवार तोड़कर ड्राइंग रूम तक पहुंच गया, जहां एक महिला दो बच्चों को पढ़ा रही थीं। उन्हें चोटें नहीं आई थीं। पायलट फ्लाइट लेफ्टिनेंट दीपक कांडपाल पैराशूट की मदद से कूद गए थे।
5 दशकों में 400 क्रैश, 200 पायलटों की जान भी गई
सोवियत संघ ने 1940 में मिग विमान बनाए और 1959 में इसे अपनी वायुसेना में शामिल कर लिया। तब यह 2229 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता था, यानी ध्वनि की रफ्तार से भी 1000 किमी/घंटा ज्यादा। भारत में अप्रैल 1963 में मिग को वायुसेना में शामिल किया गया। 1971 और 1999 की जंग जीतने में मिग का अहम रोल था। लेकिन भारत में पिछले पांच दशकों में 400 क्रैश में 200 पायलटों की जान भी ली है। MiG-21 विमानों को 2025 तक भारत के आसमान से उतार लिया जाएगा।
एयर फोर्स का बयान
भारतीय वायु सेना ने बयान जारी करते हुए कहा कि भारतीय वायुसेना का एक मिग-21 विमान नियमित प्रशिक्षण उड़ान के दौरान सूरतगढ़ के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। मामूली चोटों क साथ पायलट सुरक्षित रूप से बाहर निकल गए। दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए एक जांच का गठन किया गया है।
विमान दुर्घटनाओं में गई कई की जान
मिग विमान को 1959 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया। रूसी विमान को लेकर कई बार सवाल खड़े किए हैं। मिग-21 लंबे समय तक भारतीय वायुसेना का मुख्य आधार हुआ करता था। हालांकि, विमान का सुरक्षा रिकॉर्ड बहुत खराब है। विमान दुर्घटनाओं में कई की जान भी गई है। भारत में पिछले पांच दशकों में 400 क्रैश में 200 पायलटों की जान गई है। MiG-21 विमानों को 2025 तक भारत के आसमान से उतार लिया जाएगा।