जनमानस शेखावाटी संवाददाता : नीलेश मुदगल
झुंझुनूं : देश के पहले कानून मंत्री रहे और संविधान सभा की प्रारुप समिति के अध्यक्ष रहे डॉ. भीमराव अंबेडकर के 132 वें जन्मोत्सव के अवसर पर भीमसर गांव के युवा लेखक व चिन्तक डॉ. जुल्फिकार द्वारा नई दिल्ली में डॉ. भीमराव अंबेडकर इन्टरनेशनल सेन्टर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान दिल्ली विश्वविद्यालय के 132 छात्र -छात्राओं को पुस्तक व कैलेण्डर वितरित किये गए और छात्र – छात्राओं को डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों से प्रेरित करते हुये कहा कि ” जीवन लम्बा नहीं, महान होना चाहिए ” बाबा साहेब की इस जयन्ती पर राष्ट्र विकास, एकता व सामाजिक सौहार्द के लिए छात्र-छात्राओं ने निम्न संकल्प लेने का प्रयास किया
- बाबा साहेब की पूजा की होड़ मे न पढ़कर उनकी शिक्षाओं व विचारधारा पर काम करने का प्रयास करेंगे ।
- समतामूलक/जातिविहीन/ वर्गविहीन समाज के लिए जातिगत सरनेम नहीं रखेंगे और न ही जातिगत सरनेम से किसी को पुकारेंगे ।
- किसी से भी जाति नहीं पूछेंगे । जाति व धर्म के आधार पर किसी से भेदभाव नहीं करेंगे ।
- सबका एक ही धर्म -मानव धर्म व एक ही जाति -मानव जाति की भावना को प्रोत्साहन देंगें। हमें समझना होगा कि हम आत्मिक दृष्टि से एक ही महासागर की बूंदे हैं l
- जातिगत व्यापारिक प्रतिष्ठान नहीं रखेंगे l
- जातिगत शिक्षण संस्था व छात्रावास न बनाकर संस्थाओं द्वारा पूरी मानव समाज के विद्यार्थियों के लिए छात्रावास बनाने का प्रयास करेंगे ।
- जातिगत महासभाओं को प्रोत्साहन नही देंगे ।
- किसी भी प्रकार के आवेदन फार्म में जाति के कॉलम का बहिष्कार करेंगे ।
- अन्तर्जातीय शादियों को प्रोत्साहन देंगे l
- जाति विनाश-भारत विकास ‘ के लिए जनआंदोलन में भाग लेंगे l
- सॉशियल मीडिया पर तथाकथित मनुवाद व अम्बेडकरवाद जैसे समाज को वर्गों में बाँटने वाले मेसेज फ़ॉरवर्ड नहीं करेंगे ।तथा प्रेम, शान्ति, मिलवर्तन के पहलु को मज़बूती देने का प्रयास करेंगे l
- यदि हम आज ये संकल्प लें तो राष्ट्र विकास को नई दिशा देने में भागीदार बन सकते है l