जनमानस शेखावाटी संवाददाता : नीलेश मुदगल
झुंझुनूं : भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा की ओर से 20 मार्च सोमवार को कांग्रेस की गहलोत सरकार के खिलाफ अल्पसंख्यक समाज के हितों की मांगों को लेकर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के जिला अध्यक्ष शौकत अली चौहान के नेतृत्व में जिला कलेक्टर कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन कर राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा
प्रदेश की गहलोत सरकार की जमकर आलोचना करते हुए भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के जिला अध्यक्ष शौकत अली चौहान ने बताया कि प्रदेश में कांग्रेसी सरकार द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय हेतु किए गए वादों को पूरा करने हेतु मांग पत्र सौंपा चौहान ने बताया कि राजस्थान प्रदेश में गत 4.5 वर्षों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अल्पसंख्यक समाज से वादाखिलाफी की है व अपने चुनावी घोषणा पत्र में जो वादें उन्होंने किये थे, उन वादों को भी अभी तक कांग्रेस सरकार पूरा नहीं कर पाई है, जिससे राजस्थान में अल्पसंख्यक समाज का विकास नहीं हो पा रहा है। राजस्थान में अल्पसंख्यक समाज से जुड़े मुख्य बिन्दु निम्नलिखित है:
1. जयपुर शहर में अल्पसंख्यक बालक छात्रावास (Boys Hostel) के भवन निर्माण का उद्घाटन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा करने के बावजूद दो बार भू-आवंटन रद्द कर दिया गया और आज दिनांक तक छात्रावास नहीं बन पाया।
2. भीलवाड़ा की पूर वाली मस्जिद के मामले में भी राज्य सरकार रिव्यू पिटिसन में नहीं जा पाई और वक्फ बोर्ड यह केस हार गया।
3. भरतपुर जिले में कामां व नगर विधानसभा में स्थानीय विधायकों द्वारा भाजपा कार्यकर्ताओं पर झुठे आरोप लगाये जा रहें हैं, जिनको रोका जाये।
4. चुनावी घोषणा पत्र में वादे के बावजूद भी बेरोजगारों के साथ एक बार फिर धोखा किया गया। जबकि चिकित्सा निदेशालय ने 582 युनानी चिकित्सकों की भर्ती आवश्यकता राज्य सरकार को बताई।
5. राज्यभर में अस्सिस्टेंट प्रोफेसर उर्दू के कुल 28 पद रिक्त हैं, लेकिन 18 दिसम्बर, 2020 को जारी होने वाले भर्ती विज्ञापन में महज 5 पदों को शामिल किया गया है, जो कतई न्यायोचित नहीं है। पिछली सरकार में कॉलेज व्याख्याता भर्ती 2014-15 में कॉलेज व्याख्याता उर्दू के कुल 22 पद रिक्त थे और 22 पर ही भर्ती हुई थी। इस बार 28 पद रिक्त हैं और भर्ती विज्ञापन सिर्फ 5 पदों का जारी हुआ है।
6. आर.पी.एस.सी. के गठन किये जाने के समय में भी अल्पसंख्यक समाज की अनदेखी की गई।
7. मुख्यधारा की नियुक्तियों में अल्पसंख्यक समाज को पूर्णतः दरकिनार किया गया।
8. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने 14 साल के शासनकाल में (5़5़4) अन्य प्रशासनिक सेवाओं से भारतीय प्रशासनिक सेवाओं में अधिकारी बनाये जाने को लेकर समाज को बिल्कुल दरकिनार किया।
9. 2013-14 बजट के बिन्दु संख्या 92 के अनुसार प्रदेश के प्रत्येक जिला मुख्यालय एवं अल्पसंख्यक बाहुल्य 23 विकास खण्डों में अल्पसंख्यक समुदाय के बालक-बालिकाओं हेतु पृथक-पृथक छात्रावास खोले जायेंगे, जिस हेतु वर्ष 2013-14 में 56 करोड़ रूपये का प्रावधान प्रस्तावित था। इसके अतिरिक्त अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में 20 उच्च माध्यमिक आवासीय विद्यालय खोलना भी प्रस्तावित है, जिन पर लगभग 150 करोड़ रूपये की लागत आयेगी यह घोषणा की गयी, लेकिन इसकी पूर्ण क्रियान्विति नहीं हुई।
10. 2 अक्टूबर, 2013 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी द्वारा मौलाना आजाद युनिवेर्सिटी, जोधपुर के फाउनडेशन के समय 10 करोड़ रूप्ये देने की बात कही गयी थी, परन्तु वह राशि अभी तक नहीं मिली है।
11. मदरसा पैराटीचर को नियमित करने की मांग को लेकर कोई समाधान नहीं निकाला गया। जबकि 6000 टीचर हैं, लेकिन ना तो इनका पेमेंट समय पर मिल रहा है, ना कोई ट्रांसफर हो रहा है, ना नियमित होने के लिए कुछ भी हो रहा है।
12. झुंझुनू में जिला मुख्यालय पर मुस्लिम मुसाफिरखाना खोला जाए
13. राजस्थान विधानसभा चुनाव-2018 के कांग्रेस जन घोषणा पत्र में अल्पसंख्यक कल्याण के बिन्दु संख्या 22.2 अल्पसंख्यक मामलात तथा अल्पसंख्यक समुदाय विभाग से सम्बन्धित योजनाओं के क्रियान्वयन से सम्बन्धित विभागों के मध्य समन्वय और योजनाओं की बेहतर मॉनिटरिंग के लिए राज्य स्तर पर एक विशेष प्रकोष्ठ बनाने की घोषणा की गई थी, किन्तु प्रदेश में अभी तक विशेष प्रकोष्ठ का गठन नहीं किया गया है, जिससे अल्पसंख्यकों की योजनाओं की प्रभावी ढंग से मॉनिटरिंग नहीं हो पा रही है।
14. जन घोषणा पत्र 2018 के बिन्दु संख्या 22.3 के अनुसार अलपसंख्यक समुदाय के विकास में रह गई कमियों का पता लगाने तथा उनके समाधान के लिए प्रत्येक जिला स्तर एवं पंचायत समिति स्तर पर निर्वाचित जनप्रतिनिधियों, अल्पसंख्यक समुदाय के प्रतिनिधियों एवं सरकारी एजेंसियों को मिलाकर समितिया बनाना और समिति द्वारा चिन्ह्ति मुद्दों पर विशेष कार्यवाही की घोषणा की गई थी, किन्तु अभी तक इस बिन्दु की भी क्रियान्विति प्रदेश में नहीं हुई है।
15. जन घोषणा पत्र 2018 के बिन्दु संख्या 22.4 के अनुसार सभी पदरसों में कम्प्यूटरों की संख्या बढ़ाते हुए इंटरनेट कनेक्शन लगाने की घोषणा की थी, किन्तु प्रदेश के कुल 3240 मदरसों में से 296 मदरसों को ही कम्प्यूटर उपलब्ध करवाये गये, जिनमें भी इंटरनेट कनेक्शन नहीं लगाया गया है। इस घोषणा की भी पूर्ण क्रियान्विति नहीं हुई है।
16. वर्ष 2013-14 की बजट घोषणा में प्रत्येक जिला मुख्यालय पर बालक एवं बालिकाओं के अलग-अलग छात्रावास खोले जाने का प्रावधान किया था, किन्तु कुछ जिलों को छोड़कर अधिकांश जिलों में छात्रावासों का निर्माण नहीं हो पाया है। अतः वंचित जिलों में छात्रावास निर्माण हेतु बजट उपलब्ध करवाया जावे।
17. राजस्थान अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास सहकारी निगम के द्वारा अल्पसंख्यकों को कारोबारी एवं शिक्षा ऋण उपलब्ध करवाया जाता है, किन्तु एन.एम.डी.एफ.सी. द्वारा निगम को बहुत ही कम राशि उपलब्ध करवायी जाती है, जिससे प्रदेश के अल्पसंख्यकों को इस योजना का लाभ पर्याप्त नहीं मिल रहा है।
18. झुंझुनू जिले के नवलगढ़ विधानसभा क्षेत्र के नया परसरामपुरा गांव में काजी समाज के लोगों को कब्रिस्तान भूमि का आवंटन करवाया जाए
19. अल्पसंख्यक विभाग में मदरसा बोर्ड सचिव, निदेशालय में उपनिदेशक, हज कमेटी, वक्फ बोर्ड में मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं अल्पसंख्यक आयोग के सचिव के पद पूर्ति हेतु राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी का केडर लागू किया गया है, इन अधिकारियों को अल्पसंख्यक समुदाय की योजनाओं की पर्याप्त जानकारी नहीं होने एवं बार-बार स्थानान्तरण होने से योजनाओं की क्रियान्विति एवं मॉनिटरिंग प्रभावी ढंग से नहीं हो पाती है। अतः इन पदों को समकक्ष राज्य सेवा के अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति से भरा जावे, जिससे अल्पसंख्यक अधिकारियों को प्राथमिकता दी जावे, जिससे प्रशासनिक सेवाओं में अल्पसंख्यकों की भागीदारी बढ़ेगी एवं योजनाओं की क्रियान्विति की प्रभावी ढंग से होगी।
20. 2013-14 बजट के बिन्दु संख्या 97 के अनुसार अल्पसंख्यक समुदाय के व्यक्तियों को निवास एवं हस्तशिल्प उत्पादों के निर्माण एवं विपणन की सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से जयपुर की तर्ज पर, जोधपुर में भी आगामी वर्ष दस्तकार नगर स्थापित करना प्रस्तावित था, परन्तु अभी तक जोधपुर में दस्तकार नगर स्थापित नहीं हुआ है।
21. 2013-14 बजट के बिन्दु संख्या 98 के अनुसार अल्पसंख्यक वर्गों एवं अल्पसंख्यक क्षेत्रों के विकास हेतु विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु वर्ष 2013-14 में 200 करोड़ रूपये के अंशदान से अल्पसंख्यक विभाग कोष के गठन की घोषणा की थी। इस घोषणा की भी क्रियान्विति अभी तक अपेक्षित।
22. प्रदेश में 3240 मदरसे मदरसा बोर्ड से पंजीकृत हैं, इन मदरसों में अधिकांश मदरसा शिक्षा सहयोगी नहीं होने से बन्द पड़े हैं और जो मदरसे संचालित है, उनमें अधिकांश मदरसों में एक शिक्षा सहयोगी ही कार्यरत है, जिससे अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं को गुणवतापूर्ण शिक्षा प्राप्त नहीं हो रही है। राजस्थान मदरसा बोर्ड की ओर से समय-समय पर कम्प्यूटर स्मार्ट बोर्ड एवं अन्य शिक्षण सामग्री उपलब्ध करवायी जा रही है, किन्तु मदरसे में कम्प्यूटर शिक्षक नहीं होने से मदरसे में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को कम्प्यूटर शिक्षा का ज्ञान प्राप्त नहीं हो रहा है एवं बोर्ड की ओर से वितरित किये गये कम्प्यूटर का भी उपयोग नहीं हा रहा है। अतः प्रत्येक मदरसे में कम्प्यूटर शिक्षक एवं मदरसा शिक्षा सहयोगी की नियुक्ति की जावें, जिससे अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं का शैक्षिक स्तर बढ़ाया जा सके। इस सम्बन्ध में कांग्रेस सरकार द्वारा वर्ष 2012-13 की बजट घोषणा के बिन्दु संख्या 64 में 1000 कम्प्यूटर पैराटीचर एवं 1000 मदरसा शिक्षा सहयोगी भर्ती करने की घोषणा की थी।
अतः आपसे निवदेन है कि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के चैयरमैन होने के नाते आप उक्त विषयों पर राज्य सरकार से संज्ञान लें एवं अल्पसंख्यक समाज के हितार्थ उक्त बिन्दुओं को शीघ्र-अतिशीघ्र पूरा करने हेतु राज्य सरकार को निर्देशित करने का श्रम करें।
इस अवसर पर मोर्चा के जिला महामंत्री रुस्तम अली कांट लुकमान खान अलाउद्दीन मणियार मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष डॉक्टर शौकत अली हाजी अब्दुल रहमान मॉम नदीम भाटी रफीक अहमद खान मोर्चा के नगर मंडल अध्यक्ष खलील सिलावट हवलदार इकबाल खान उस्मान गनी लादू सरिया हाजी मोहम्मद अयूब शाहिद फारुकी मुस्लिम खान मीर अकरम नागौरी इरफान खान बामनवास सफीक पीर जी शहीद फारुकी अब्दुल वाहिद अब्बासी कासम अली आरिफ हुसैन नकवी मंसूर खान शौकत अली तेली अब्दुल जब्बार अब्बासी शाहबाज कुरेशी जावेद कुरैशी सहित मोर्चा के अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।
शौकत अली चौहान, जिला अध्यक्ष भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा झुंझुनू