झुंझुनूं-खेतड़ी(बडाऊ) : तेरे अंदर भूतनी है, इसी कारण तू बीमार है। मैं अभी इलाज करके इस भूतनी को भगाता हूं। इतना कहकर दो तांत्रिकों ने महिला की चोटी पकड़ ली। उसे दो-तीन चांटे मारे। उसे घसीटकर नीचे गिरा दिया।
चूल्हे से आग लाए और 35 साल की मोनिका के हाथों पर रख दिए। महिला दर्द से तड़प उठी और हाथ झटक दिया। इस पर एक तांत्रिक ने उसके हाथ कसकर पकड़ लिए। दूसरे ने फिर से अंगारे मोनिका के हाथ पर रख दिए। उसके दोनों हाथ बुरी तरह जल गए। जख्म ऐसे कि किसी का भी कलेजा कांप जाए। मामला झुंझनूं जिले का है।
दागकर, मारपीटकर भगाया जा रहा भूत
बीमारी के नाम पर भूत भगाने का इस तरह का खेल राजस्थान के दर्जनभर से ज्यादा जिलों में चल रहा है। दागकर, मारपीट कर रोज जुल्म ढाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में यह नया मामला सामने आया है। पूरा माजरा समझने के लिए हम आपको झुंझुनूं से करीब 65 किलोमीटर दूर खेतड़ी लेकर चलते हैं। गुढ़ागौड़जी के रहने वाले 40 साल के विनोद कुमावत मजदूरी करके किसी तरह परिवार चलाते हैं। घर में पत्नी मोनिका और 2 बच्चे हैं। मोनिका कुछ दिनों से बीमार है। उसे चक्कर आते हैं, रह-रहकर उदासी घेर लेती है। लगातार मन अशांत रहता है।
इसको लेकर विनोद ने अपने जानने वालों से कई बार चर्चा की। लोगों ने उसे घर से करीब 30 से 40 किलोमीटर दूर खेतड़ी थाना क्षेत्र के बड़ाऊ मंदिर जाने की सलाह दी।
17 जनवरी को मंदिर गया दंपती
17 जनवरी को विनोद और मोनिका बड़ाऊ मंदिर पहुंचे। वहां काफी भीड़ थी। बड़ी संख्या में महिलाएं थीं। एक-एक कर महिलाएं सामने बैठे कथित तांत्रिक भाइयों रोहिताश सैनी और रमेश सैनी के पास जा रही थीं। गांव वालों ने बताया था कि रोहिताश और रमेश बीमारी का इलाज करते हैं।
मोनिका भी अपनी बारी का इंतजार करती रही। काफी देर बाद उसका नंबर आया। रोहिताश और रमेश ने विनोद से तबीयत खराब होने को लेकर पूरी जानकारी ली। इसके बाद दावा किया कि हर हाल में मोनिका को ठीक कर देंगे। मोनिका की मानें तो रोहिताश और रमेश ने कहा कि कोई बीमारी नहीं है। भूतनी है। उसे भगाना पड़ेगा।
तंत्र के नाम पर पहले किया ढोंग
मोनिका ने कहा- भूतनी भगाने के नाम पर तंत्र का नाटक किया गया। रमेश काफी देर तक ढोंग करता रहा। इसी दौरान उसने कहा- मैं अभी इलाज करके इसकी भूतनी भगा दूंगा। इसके बाद उसने मेरी चोटी पकड़ कर दो-तीन चांटे लगाए और घसीट कर नीचे गिरा दिया। फिर चूल्हे में से जलते हुए अंगारे (खीरे) लाया और मेरे दोनों हाथों में रख दिए। मैंने एक बार अंगारों को गिरा दिया, लेकिन रोहिताश सैनी और रमेश सैनी ने मेरे दोनों हाथों को कसकर पकड़ लिया। इसके बाद रमेश ने धधकते अंगारे वापस मेरे हाथों पर रख दिए।
चिल्लाई तो दर्द मिटाने का नाटक
दोनों हाथों पर अंगारे रखते ही मोनिका की चीख निकल गई। उसके हाथों को कसकर तांत्रिकों ने पकड़कर रखा था। दर्द से कराहती मोनिका को देखकर विनोद घबरा गया। विनोद कुछ कहता, इससे पहले ही रमेश और रोहिताश ने धमका दिया। इसके बाद कील से दर्द को सही कर देने का दावा किया। इसके बाद तो मोनिका की तबीयत और खराब होती चली गई।
पुलिस को शिकायत की तो परिवार खत्म कर देंगे
मोनिका ने बताया कि हमें अपनी गलती का एहसास हो चुका था। इलाज के नाम पर ढोंग करने वाले रोहिताश और रमेश की पोल खुल चुकी थी। विनोद खेतड़ी के हॉस्पिटल ले गए। इसके बाद मोनिका और विनोद ने पुलिस से शिकायत का मन बनाया। दोनों फिर से मंदिर गए। तांत्रिकों को फटकार लगाई और रिपोर्ट दर्ज कराने की धमकी दी।
यह सुनते ही रमेश और रोहिताश बौखला गए। आरोप है कि दोनों ने विनोद को धमकाया। कहा कि पुलिस से शिकायत की तो परिवार खत्म कर दिया जाएगा। 14 फरवरी को पीड़ित दंपती गुढ़ागौड़जी थाने पहुंचा और शिकायत दर्ज कराई। थानाधिकारी अजय सिंह ने बताया कि रिपोर्ट पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
कार्रवाई का है प्रावधान
राजस्थान डायन प्रताड़ना निवारण अधिनियम 2015 और राजस्थान डायन-प्रताड़ना निवारण नियम 2016 एक्ट के तहत कार्रवाई का भी प्रावधान है। किसी महिला को डायन घोषित कर बदनाम और प्रताड़ित कर नुकसान पहुंचाने वाले अपराध पर एक से पांच साल तक के कठोर कारावास या 50 हजार रुपए का जुर्माना अथवा दोनों हो सकता है।
अगर कोई व्यक्ति झाड़-फूंक, तंत्र-मंत्र, जादू-टोना कर किसी व्यक्ति को नुकसान या चोट पहुंचाता है तो उसे एक से तीन साल तक कारावास की सजा या 10 हजार रुपए तक जुर्माना अथवा दोनों दंड दिए जा सकते हैं।
10 हजार से ज्यादा भोपे एक्टिव
राजस्थान के भीलवाड़ा, उदयपुर, डूंगरपुर, राजसमंद, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, सिरोही, बाड़मेर, जैसलमेर और जोधपुर सहित 14 जिलों में 10 हजार से ज्यादा भोपे विश्वास से खेल रहे हैं। जानकारों की मानें तो पिछले 20 साल में राजस्थान में 100 से ज्यादा बच्चों की भोपों के इलाज से मौत हो चुकी है। 14 जिलों के अस्पतालों में भोपों के दागे बच्चे हर रोज भर्ती हो रहे हैं।