झुंझुनूं-चिड़ावा(मंड्रेला) : 9 घंटे बाद सहमति,सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार:वार्ता के बाद जवान को ऑन ड्यूटी माना, 18 जून को हुआ था निधन

झुंझुनूं-चिड़ावा(मंड्रेला) : चिड़ावा के पास मंड्रेला के गांव रब्बूड़ी के बीएसएफ जवान सुरेश बेनीवाल का दो दिन पहले निधन हो गया था। वह बिहार के किशनगंज में बीएसएफ की 17 बटालियन में तैनात थे। मंगलवार को बीएसएफ जवानों की टुकड़ी पार्थिव देह लेकर उनके पैतृक गांव पहुंची। इस पर परिजनों और ग्रामीणों ने कहा कि वे जवान की पार्थिव देह तब तक नहीं लेंगे। जब तक उनकी मौत की जांच नहीं हो जाती और उसे शहीद का दर्जा नही दिया जाता। इसके बाद देर शाम को विधायक कृष्णा पूनिया की मौजूदगी में सेना के अधिकारियों से बातचीत कर मामला सुलझाया गया और अंतिम संस्कार किया गया।

परिजनों का कहना था कि सुरेश कुमार बेनीवाल ड्यूटी पर था लेकिन जो कागजात पार्थिव देह के साथ भेजे गए हैं। उनमें सुरेश कुमार को 10 जून से अवकाश पर बताया गया। जबकि उनका निधन उनके अधिकारी के घर पर हुआ है और अधिकारी ने उन्हें अपने निजी काम पर ड्यूटी से भेजा था। इसलिए उन्हें अवकाश पर बताया जाना गलत है। इसी बात को लेकर प्रदर्शन किया गया था। सूचना के बाद पूर्व सांसद राम सिंह कस्वा भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने उच्च अधिकारियों से बातचीत की।

मंगलवार सुबह 9.30 बजे से ही पार्थिव देह ट्रक में रखी रही
मंगलवार सुबह 9.30 बजे से ही पार्थिव देह ट्रक में रखी रही

बेटे का ये है कहना
जवान सुरेश बेनीवाल के बेटे पंकज बेनीवाल ने बताया कि ‘मेरे पिता से जब 17 तारीख को मेरी बात हुई तो उन्होंने बताया था कि मैं सीईओ के घर पर तैनात हूं,जबकि दूसरे दिन फोन आया कि वो नहीं रहे। अधिकारियों ने बताया कि वह छुट्टी पर थे, जबकि वह ऑन ड्यूटी थे। हम चाहते हैं कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हो।

देर शाम समझाइश बाद निपटा विवाद
दिनभर की मशक्कत और जन विरोध के मध्य शाम ढलने के साथ लिखित समझौता हो गया । मौके पर की गई घोषणा के अनुसार सुरेश कुमार को ऑन ड्यूटी मान लिया गया है,साथ ही मृत्यु प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया गया है। इसके अलावा मृतक सुरेश कुमार के एक आश्रित को नौकरी भी दी जाएगी और जो लाभ ऑन ड्यूटी सैनिक,सुरक्षाकर्मी की मौत पर मिलते हैं वो सभी लाभ सुरेश कुमार के परिजनों को मिलेंगे।

परिजन शहीद का दर्जा मिलने तक सुरेश बेनिवाल के पार्थिव देह को लेने से मना कर दिया
परिजन शहीद का दर्जा मिलने तक सुरेश बेनिवाल के पार्थिव देह को लेने से मना कर दिया

वार्ता से पूर्व इस मामले में विधायक डॉ.कृष्णा पूनियां ने जिला कलेक्टर से बात की।उसके बाद राजगढ़ के एसडीएम रणजीत सिंह बिजारणिया भी गांव में पहुंच गए। बन्द कमरे में वार्ता में परिजनों की ओर से शहीद सुरेश कुमार के मामा प्रेम सिंह, साला सुरेंद्र सिंह, किरण पाल सिंह, भतीजा रामनिवास दामाद नवीन और बड़े भाई प्यारे लाल की मौजूदगी रही। शहीद का शव लेकर जो अधिकारी आए हैं उन्होंने अपने उच्चाधिकारियों से बात करने के बाद यह लिखित समझौता किया।

जिसके बाद मृतक जवान के शव को परिजनों को सुपुर्द किया गया और राजकीय सम्मान के साथ जवान सुरेश का अंतिम संस्कार किया गया। भोंडसी,गुरुग्राम से आई 95 बटालियन की टुकड़ी ने एसआई हरपाल यादव की अगुवाई में गार्ड ऑफ ओनर दिया।

इस अवसर पर राजगढ़ एसडीएम रंजीत बिजारणिया राजगढ़ तहसीलदार इमरान पाठन,हमीरवास थानाधिकारी राधेश्याम,एडवोकेट ओमप्रकाश खीचड़,रावतसर सरपंच मुकेश,पूर्व सरपंच सत्यवीर सहित काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।

सुरेश बेनिवाल के निधन पर घर में मातम पसरा हुआ है।
सुरेश बेनिवाल के निधन पर घर में मातम पसरा हुआ है।

विधायक ने ये कहा
राजगढ़ विधायक कृष्णा पूनिया ने कहा कि सेना के अधिकारियों से बात की गई। आपसी समझाइश और जन भावना को देखते हुए सेना ने ऑन ड्यूटी दिखाते हुए सभी परिलाभ देने पर सहमति दी है। जिसके बाद राजकीय सम्मान से जवान सुरेश का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

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