बीकानेर : ‘पाक’ से खतरे की आहट या कुछ और…जानें गांव-गांव घूमकर BSF अफसर क्यों खरीद रहे ऊंट

बीकानेर : राजस्थान से लगते इंटरनेशनल बॉर्डर पर रेगिस्तानी जहाज यानी ऊंट की काफी कमी को देखते हुए BSF के डीजी पीके सिंह ने नए ऊंट खरीदने के दिशा-निर्देश दिए हैं। अब अतिशीघ्र नए ऊंट खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसी कड़ी में बीकानेर सेक्टर के डीआईजी पुष्पेन्द्र सिंह राठौड़ जैसलमेर नए ऊंट खरीदने के लिए पहुंच गए, जहां पर वे ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर बीएसएफ के नॉर्म्स के आधार पर रेगिस्तानी जहाजों की खरीददारी की प्रक्रिया को अंजाम दे रहे हैं।

दरअसल, थार के मरुस्थल की पाकिस्तान से लगती पश्चिमी सीमा में बॉर्डर गार्डिंग ऊंटों के जरिए होती है। लेकिन रेगिस्तानी जहाजों की संख्या लगातार घट रही है। पिछले कुछ समय में करीब 50 ऊंट भी नहीं खरीदे जा सके हैं, जबकि बीएसएफ में 300 से ज्यादा ऊंटों की कमी देखी जा रही है।

इस कमी को गंभीरता से लेते हुए बीएसएफ डीजी पंकज कुमार सिंह ने नए ऊंट खरीदने के दिशा-निर्देश दिए और राजस्थान फ्रंटियर में इसका जिम्मा बीकानेर सेक्टर के डीआईजी पुष्पेन्द्र सिंह राठौड़ को दिया गया। इसी के चलते वे जैसलमेर में ऊंट खरीदने पहुंच गए।

BSF अफसर ऊंट देखते हुए

BSF अफसर ऊंट देखते हुए – फोटो 

यहां किया जाता है ऊंटों का इस्तेमाल…
BSF के डायरेक्टर जनरल पंकज कुमार सिंह ने बताया, सीमा क्षेत्र में हालांकि सड़कों का जाल बिछा हुआ है। इसके कारण ऊंटों की इतनी आवश्यकता नहीं है, लेकिन कई रेगिस्तानी इलाके ऐसे हैं, जहां पर ऊंटों के जरिए ही पहुंचा जा सकता है और बॉर्डर गार्डिंग के लिए ऊंटों का इस्तेमाल किया जाता है। इसको देखते हुए हम बड़ी संख्या में ऊंट खरीदने जा रहे हैं।

177 ऊंट खरीदे जाने हैं…
बीकानेर सेक्टर के DIG पुष्पेन्द्र सिंह राठौड़ ने बताया, वे जैसलमेर में ऊंट खरीदने आए हैं। राजस्थान में कुल 177 ऊंट खरीदे जाने हैं और जैसलमेरी नस्ल के ऊंट काफी बढ़िया माने जाते हैं। इसलिए वे अपनी टीम के साथ (डॉक्टर और विशेषज्ञ) जैसलमेर आए हैं और कई ग्रामीण अंचलों में विजिट कर ऊंट खरीदने की कोशिशों में लगे हैं।

Web sitesi için Hava Tahmini widget