नई दिल्ली, 16 जनवरी (ANI): सिंगापुर के राष्ट्रपति थरमन शानमुगरत्नम को राष्ट्रपति भवन के आंगन में औपचारिक स्वागत मिला।
उन्होंने कहा,
“हम कभी नहीं भूलेंगे कि भारत 1965 में सिंगापुर की स्वतंत्रता को मान्यता देने वाले पहले कुछ देशों में से एक था। और तब से हमारी रिश्तेदारी में बहुत वृद्धि हुई है। यह एक छोटे देश सिंगापुर और एक बड़े देश भारत के बीच एक स्वाभाविक साझेदारी है। लेकिन हमने अपने आपसी हितों के लिए सहयोग के ऐसे तरीके खोजे हैं जो कई क्षेत्रों में हैं। हमारे व्यापारिक संबंध फल-फूल रहे हैं। दरअसल, सिंगापुर कई वर्षों से भारत में सबसे बड़ा निवेशक रहा है। हमारी रक्षा संबंध मजबूत हैं। हाल के वर्षों में हमारी कौशल विकास में भी बहुत सक्रियता रही है और यह बढ़ती जा रही है। लेकिन हम अब भारत के साथ अपने संबंधों को एक नई दिशा में ले जा रहे हैं, जिनका उन्नयन हमारे रिश्तों को एक समग्र रणनीतिक साझेदारी के रूप में किया गया है, जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी की सिंगापुर यात्रा के दौरान सितंबर में घोषित किया गया था। हम अब नए पहलों की खोज कर रहे हैं जो हमारे मौजूदा सक्रिय संबंधों से आगे बढ़ें।”