खनौरी बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन: अधूरी मांगों को लेकर विरोध तेज

खनौरी (पंजाब), 30 दिसंबर (एएनआई): पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर कड़कड़ाती ठंड के बावजूद किसान अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं और केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने अपनी चल रही आंदोलन की रणनीति के तहत 4 जनवरी, 2024 को “किसान महापंचायत” आयोजित करने की घोषणा की है। इस महीने, किसानों ने कृषि विपणन पर प्रस्तावित राष्ट्रीय नीति प्रारूप का भी विरोध किया है, इसे निरस्त किए गए कृषि कानूनों को चुपचाप लागू करने का प्रयास बताया है।

 

आंदोलन में हालिया घटनाक्रम
28 दिसंबर को किसानों ने पंजाब में राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया। यह कदम जगजीत सिंह डल्लेवाल के समर्थन में उठाया गया, जो अपनी मांगों को लेकर एक महीने से अधिक समय से भूख हड़ताल पर हैं। यह विरोध प्रदर्शन गहरे असंतोष और लंबे समय से चली आ रही समस्याओं को उजागर करता है, जिन्हें सरकार के आश्वासनों के बावजूद हल नहीं किया गया है।

 

किसानों की प्रमुख मांगें

1. न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी: सभी फसलों की एमएसपी पर खरीद सुनिश्चित करने के लिए एक कानूनी ढांचा, जिसमें डॉ. स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के आधार पर फसल मूल्य निर्धारित किया जाए।

 

2. कर्ज माफी: किसानों और कृषि मजदूरों के लिए पूर्ण कर्ज माफी।

 

3. भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013: इसे राष्ट्रीय स्तर पर बहाल करना, जिसमें किसानों की लिखित सहमति और भूमि अधिग्रहण से पहले कलेक्टर दरों पर चार गुना मुआवजे की आवश्यकता हो।

 

4. लखीमपुर खीरी हिंसा पीड़ितों को न्याय: अक्टूबर 2021 की हिंसा में शामिल दोषियों को सजा और पीड़ित परिवारों को न्याय।

 

5. डब्ल्यूटीओ और मुक्त व्यापार समझौतों से भारत की वापसी: किसान तर्क देते हैं कि ये समझौते घरेलू कृषि क्षेत्र को नुकसान पहुंचाते हैं।

 

6. पेंशन योजना: किसानों और कृषि मजदूरों के लिए पेंशन की शुरुआत।

 

7. आंदोलन के दौरान हुई मौतों के लिए मुआवजा: दिल्ली सीमा पर निरस्त किए गए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए 750 से अधिक प्रदर्शनकारियों के परिवारों को मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग।

 

8. बिजली (संशोधन) विधेयक, 2020 को निरस्त करें: प्रदर्शनकारी इस विधेयक के प्रावधानों का विरोध कर रहे हैं, जो किसानों और ग्रामीण घरों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

 

9. मनरेगा में सुधार: प्रतिवर्ष 200 दिनों के रोजगार की गारंटी, ₹700 की दैनिक मजदूरी, और मनरेगा को कृषि से जोड़ना।

 

10. नकली इनपुट्स पर कड़ी कार्रवाई: नकली बीज, कीटनाशक, और उर्वरक बनाने वाली कंपनियों पर कठोर दंड और बीज की गुणवत्ता में सुधार के उपाय।

 

11. मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग: मिर्च और हल्दी जैसे फसलों के लिए किसानों के हितों की रक्षा के लिए आयोग की स्थापना।

 

12. आदिवासी समुदायों के अधिकार: संविधान की पांचवीं अनुसूची के क्रियान्वयन की मांग, जो आदिवासियों के जल, जंगल, और जमीन पर अधिकार सुनिश्चित करती है और कॉरपोरेट्स द्वारा इनकी भूमि के शोषण को रोकती है।

 

13. शुभकरण सिंह को न्याय: फरवरी 2023 में खनौरी बॉर्डर पर हरियाणा सुरक्षा बलों की कार्रवाई के दौरान मारे गए शुभकरण सिंह के लिए न्याय और दोषियों पर कार्रवाई।

 

14. राष्ट्रीय कृषि विपणन नीति का विरोध: किसान इस नीति को कृषि कानूनों को पुनः लागू करने का प्रयास मानते हैं।

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