बसा सुप्रीमो मायावती ने समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के साथ किसी भी चुनाव में गठबंधन नहीं करने का बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि इनके जैसी पार्टियां आरक्षण विरोधी हैं। एससी, एसटी और ओबीसी को अब खुद अपने दम पर खड़े होना है। बाबा साहेब के देहांत पर कांग्रेस-सपा ने उनके सम्मान में एक दिन का भी राष्ट्रीय शोक घोषित नहीं किया था। इनकी दोगली सोच से सजग रहें।
एक्स पर मायावती ने क्या लिखा ?
आज यानी रविवार को बसपा चीफ मायावती ने एक्स पर एक के बाद एक कई पोस्ट किए। जिसमें उन्होंने लिखा कि कल प्रयागराज में संविधान सम्मान समारोह करने वाली कांग्रेस पार्टी को बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के अनुयायी कभी माफ नहीं करेंगे, जिसने संविधान के मुख्य निर्माता बाबा साहेब को उनके जीते-जी व देहान्त के बाद भी भारतरत्न की उपाधि से सम्मानित नहीं किया। बाबा साहेब की मूवमेन्ट को गति देने वाले मान्य. श्री कांशीराम जी का देहान्त होने पर इसी कांग्रेस ने केन्द्र में अपनी सरकार के रहते इनके सम्मान में एक दिन का भी राष्ट्रीय शोक तथा सपा सरकार ने भी राजकीय शोक घोषित नहीं किया। इनकी ऐसी दोगली सोच, चाल, चरित्र से जरूर सजग रहें। इसके इलावा, केन्द्र में बीजेपी की सत्ता आने से पहले कांग्रेस ने अपनी सरकार में राष्ट्रीय जातीय जनगणना क्यों नहीं कराई थी जो अब इसकी बात कर रहे हैं, जवाब दें? जबकि बीएसपी इसके हमेशा ही पक्षधर रही है, क्योंकि इसका होना कमजोर वर्गों के हित में बहुत जरूरी है।
मायावती ने आगे लिखा कि संविधान के तहत् एससी/एसटी को मिले आरक्षण में अब वर्गीकरण व क्रीमीलेयर के जरिये, इसे निष्प्रभावी बनाने व खत्म करने की चल रही साजिश के विरोध में कांग्रेस, सपा व बीजेपी आदि का भी चुप्पी साधे रखना क्या यही इनका दलित प्रेम है, सचेत रहें। सपा व कांग्रेस आदि जैसी इन आरक्षण विरोधी पार्टियों के साथ अब किसी भी चुनाव में इनसे कोई गठबन्धन आदि करना क्या एससी, एसटी और ओबीसी वर्गों के हित में उचित होगा। यह कतई नहीं होगा ऐसे में अब इनको खुद अपने दम पर खड़े होना है, यही सलाह।