दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाला मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है। जस्टिस संजीव खन्ना की अगुआई वाली तीन जजों की बेंच ने यह फैसला सुनाया है। लेकिन केजरीवाल अभी जेल में ही रहेंगे क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने ईडी के मामलों में जमानत दी है। जबकि सीबीआई में केस अभी-भी जारी है।
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि हमने जमानत के सवाल की जांच नहीं की है लेकिन हमने धारा 19 पीएमएलए के मापदंडों की जांच की है। हमने धारा 19 और धारा 45 के बीच अंतर समझाया है। धारा 19 अधिकारियों की व्यक्तिपरक राय है और न्यायिक समीक्षा के अधीन है। धारा 45 का प्रयोग न्यायालय द्वारा ही किया जाता है। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ यह देखेगी कि PMLA का प्रावधान सही है या नहीं। केजरीवाल की गिरफ्तारी सही है या नहीं। अरविंद केजरीवाल 90 दिनों से जेल में हैं। हम निर्देश देते हैं कि केजरीवाल को अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाएगा। हम जानते हैं कि वह एक निर्वाचित नेता हैं। शीर्ष अदालत ने इस मामले को बड़ी बेंच के पास ट्रांसफर कर दिया। अब इस मामले की सुनवाई पांच जजों की बेंच करेगी।