NEET पेपर लीक और एजेंसियों के गलत इस्तेमाल को लेकर आज सोमवार को खिलाफ संसद में INDIA ब्लॉक का जोरदार प्रदर्शन हुआ। इस बीच संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा करते हुए लोकसभा में सत्ता पक्ष की ओर से अनुराग ठाकुर ने तो राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बहस की शुरूआत की। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम किसानों की बात करते हैं तो मोदी जी भैंस खोल ले जाने की बात करते हैं। हम बीजेपी के बांटने की बात करते हैं तो मोदीजी औरंगजेब की बात करने लगते हैं, हम पेपरलीक की बात करते हैं तो मोदीजी मंगलसूत्र की बात करने लगते हैं। हम रोजगार की बात करते हैं तो मोदीजी मन की बात करने लगते हैं। इतिहास को लेकर निर्णय लेने में जनता सक्षम है। असत्य बोलना, लोगों को बांटना, ये सब काम पहली बार हुआ है। ये काम पहले किसी प्रधानमंत्री ने किया नहीं।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने तंज कसते हुए कहा कि ‘इसी राज्यसभा में प्रधानमंत्री ने छाती ठोककर विपक्ष को ललकारते हुए कहा था- एक अकेला सब पर भारी। लेकिन यह पूछना चाहता हूं, एक अकेले पर आज कितने लोग भारी हैं। चुनावी नतीजे ने दिखा दिया है कि देश का संविधान और जनता सबपर भारी है। लोकतंत्र में अहंकारी नारों को जगह नहीं है और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, संविधान निर्माता बाबा साहब, छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्तियां अपनी जगह से हटाकर पीछे कोने में रखा गया। ऐसे लोगों आप पीछे हटाकर कोई देखे नहीं, ऐसा कर दो। हमने मूर्तियां बैठाने के लिए लड़ाई लड़ी।
खड़गे ने कहा कि ‘2024 का लोकसभा चुनाव पहला चुनाव था जिसमें संविधान का मुद्दा बना था। संविधान बचेगा तभी चुनाव हो पाएगा। ऐसे लोग भी हैं संविधान के नारे से भी दिक्कत है। संविधान का मुद्दा अभी भी है विपक्ष को दरकिनार किया गया है। पहले डिप्टी स्पीकर का पोस्ट खाली रखा है आप संविधान के विपरीत काम करते हैं।
इतना ही नहीं खड़गे ने संसद परिसर की मूर्तियों को शिफ्ट करने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि ‘मूर्तियां जहां थीं उनका अपमान मत करो। अगर अपमान करेंगे तो 50 करोड़ एससी-एसटी, दलित-वंचित, अल्पसंख्यकों का अपमान होगा। मूर्तियों के लिए एक कमेटी होती है जिसमें विपक्ष के नेता भी होते हैं। मीटिंग के बाद तय होता है। न मीटिंग हुई न कुछ, सब हो गया।