बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए X पर लिखा कि देश के करोड़ों गरीबों, मजदूरों के मसीहा बाबा साहब का जितना दिखावटी सम्मान उतना ही ज्यादा उनके अनुयायियों की उपेक्षा व तिरस्कार जातिवादी पार्टियों व उनकी सरकारों की सोच को दर्शाता है। संकीर्ण चुनावी स्वार्थ के लिए डॉ. अंबेडकर को लेकर कार्य किया जा रहा है। ऐसी जातिवादी सोच रखने वाली सरकारों के “मुंह में राम बगल में छुरी” की कहावत को चरितार्थ करने की पुरानी परंपरा है। बार बार ऐसा करने वाली पार्टी और सरकारों के चलावे से सावधान रहने की जरूरत है।
बसपा प्रमुख मायावती ने आगे लिखा कि कांग्रेस का “गरीबी हटाओ” का नारा सही नियत व नीति के अभाव में केवल चुनावी स्लोगन बनाकर विफल रहा। अब यही बुरा हाल वर्तमान में बीजेपी सरकार में हो रहा है। जब देश में खास कर आसमान छूती महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी पिछड़ापन का अभिशाप लोगों के जीवन को बदतर बना बना रहा है।
लोकसभा चुनाव को देखते हुए बसपा प्रमुख ने कार्यकर्ताओं को चेताते हुए लिखा कि बहुजन हिताय बहुजन सुखाय के लिए सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त कर तरक्की की बंद दरवाजे खोलना होगा।