जयपुर : सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि मैं कई बार मुख्यमंत्री का पद छोड़ने की सोचता हूं, लेकिन मुख्यमंत्री का पद मुझे नहीं छोड़ रहा है। गहलोत ने चिरंजीवी योजना के तहत हार्ट ट्रांसप्लांट कराने वाली अलवर की रहने वाली धौली देवी से बातचीत के दौरान सीएम पद को लेकर यह कमेंट किया। गहलोत गुरुवार को सीएम हाउस में ऑर्गन ट्रांसप्लांट पर हुए वर्चुअल कार्यक्रम में बोल रहे थे।
अलवर की धौली देवी ने कहा- मैं तो यही कामना करती हूं कि ये ही मुख्यमंत्री रह जाएं। गहलोत ने कहा- आप तो कह रही हो कि मैं ही लगातार मुख्यमंत्री रहूं, मैं खुद ही कह रहा हूं कि मुख्यमंत्री पद मुझे छोड़ नहीं रहा, अब आगे देखते हैं क्या होता है?
771 करोड़ रुपये की लागत के 249 कार्यों का शिलान्यास व लोकार्पण
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 771 करोड़ रुपये की लागत के 249 कार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण किया। साथ ही, मुख्यमंत्री ने दस चिरंजीवी 104 जननी एक्सप्रेस एम्बुलेंस एवं 25 मोबाईल फूड टेस्टिंग लैब को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य राज्य सरकार की मुख्य प्राथमिकताओं में है। प्रदेश में लगातार नये जिला अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, उप स्वास्थ्य केन्द्र खोलकर स्वास्थ्य ढांचे को सुदृढ़ किया गया है। स्वास्थ्य का अधिकार कानून लागू करने वाला राजस्थान देश का एकमात्र राज्य है। उन्होंने कहा कि राज्य में 30 जिलों में मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं। शेष तीन जिलों में सरकार ने स्वयं के खर्चे पर मेडिकल कॉलेज खोलने का फैसला किया है। सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज स्वीकृत करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है।
सरकार भरेगी सालाना 415 करोड़ का प्रीमियम
सीएम अशोक गहलोत ने चिरंजीवी योजना में आठ लाख तक की आय वालों का फ्री बीमा करवाने की घोषणा की है। गहलोत ने कहा कि चिरंजीवी योजना में अब आठ लाख तक की आय वाले लोगों को 850 रुपए का प्रीमियम नहीं देना पड़ेगा, उनका प्रीमियम अब सरकार भरेगी।
सरकार सालाना 425 करोड़ रुपए के प्रीमियम का खर्च उठाएगी। अब तक चिरंजीवी योजना में खाद्य सुरक्षा योजना में शामिल और बीपीएल परिवारों का फ्री बीमा हो रहा था। अब आठ लाख तक की आय वाले हर कैटेगरी के लोगों का फ्री बीमा होगा।
आरएसएस-बीजेपी बैकग्राउंड के डॉक्टर हड़ताल के लिए नहीं भड़काएं
गहलोत ने कहा- डॉक्टरों को एक ही बात कहता हूं, आप भगवान हो, बस एक ही बात का ध्यान रखें, बस हड़ताल मत करो। हड़ताल के अलावा कुछ भी कर लीजिए, सीएम हाउस पर धरना दे दीजिए, काली पट्टी बांध लो, हम समझ जाएंगे।
हड़ताल से ज्यादा प्रभावशाली आपकी काली पट्टी मेरे लिए होगी। हड़ताल करने से मरीजों को कितनी दिक्कत होती है, वह जिम्मेदारी आपको लेनी होगी। आरएसएस, बीजेपी अपनी जगह है। मैं आरएसएस-बीजेपी बैकग्राउंड के डॉक्टरों से अपील करना चाहता हूं कि आप भड़काने का काम नहीं करें, वहां पर आप ईश्वर का रूप ही रहो।
गहलोत ने कहा- हड़ताल नहीं हो इसकी जिम्मेदारी आप ले लीजिए, बाकी सब मुझ पर छोड़ दीजिए, चाहे सैलरी हो या ग्रेड पे का मामला हो। जितनी सुविधाएं मेरी सरकार दे रही है, उतनी कोई राज्य नहीं दे रहा है। राइट टू हेल्थ बिल को लेकर प्राइवेट सेक्टर के डॉक्टरों को गलतफहमी पैदा हो गई थी।
मुझे खुशी है कि राइट टू हेल्थ को लेकर हुई गलतफहमी दूर हो गई है। डॉक्टरों में भी कोई कांग्रेस माइंडेड होता है, कोई बीजेपी-आरएसएस माइंडेड होता है। आरएसएस का बैकग्राउंड होता है, तमाम बातें छोड़ दो डॉक्टर के लिए। वोट देते वक्त आप अपने हिसाब करते रहना, अभी आप जो डॉक्टर का प्रोफेशन है, उसके हिसाब से मानवता सामने रख कर काम करना चाहिए।
गहलोत ने कहा- मैंने अभी कर्मचारियों को ओपीएस दिया है, मैंने पूरी तरह मानवीय दृष्टिकोण से दिया है। बुढ़ापे में सिक्योर लाइफ होनी चाहिए, उसी ढंग से मुझे सेवा करनी है, बाकी आप मुझ पर छोड़ दीजिए।
मेरे पैर के अंगूठे के तीन टुकड़े हो गए
गहलोत ने कहा- डॉक्टर बीमार के लिए ईश्वर का रूप होता है। मेरे एक अंगूठे में तीन टुकड़े हो गए औ नाखून कट गया, एक अंगूठे में हेयरलाइन फ्रैक्चर है। इसमें ही मुझे कितनी तकलीफ हो रही है। आज सुबह ही पट्टी करवाई है।
जिनके एक्सीडेंट होते हैं, हाथ-पैर में फ्रैक्चर होते हैं, सोचिए उन्हें कितनी तकलीफ होती होगी। एक्सीडेंट में सिर पर लगती है, उन पर क्या बीतती होगी? एक्सीडेंट केस में डॉक्टर चार से लेकर आठ घंटे तक भी लगातार ऑपरेट करते हैं। डॉक्टरों की सेवा कोई कम नहीं है, डॉक्टर की बहुत बड़ी सेवा है।
समाज को भी डॉक्टरों पर पूरा विश्वास करना चाहिए
गहलोत ने कहा- इलाज को लेकर कई बार अनावश्यक विवाद भी होते हैं। छोटे-मोटे झगड़े हो जाते हैं। समाज को भी डॉक्टरों पर पूरा विश्वास करना चाहिए। ऑपरेशन, इलाज करने में कितनी दिक्कत होती है। अगर संख्या ज्यादा हो तो मरीजों को देखने में भी दिक्कत होती है।
अगर 400-500 केस देखने पड़े तो ऐसे में डॉक्टर भी परेशान हो जाते हैं। हम जानते हैं, जब मरीजों से मिलने आते हैं, मंत्रियों से मुख्यमंत्री से मिलते हैं तो खुद टेंशन में आ जाते हैं । डॉक्टर भी इंसान हैं, इसलिए उनका ध्यान रखना चाहिए।
550.90 करोड़ रुपये के कुल 101 विकास कार्यों का हुआ शिलान्यास
- बाड़मेर जिले में 15 नवीन चिकित्सा भवन निर्माण कार्य, लागत राशि 84.26 करोड़ रुपए
- भरतपुर जिले 8 नवीन चिकित्सा भवन निर्माण कार्य, लागत राशि 10.04 करोड़ रुपए
- बूंदी जिले में 5 नवीन चिकित्सा भवन निर्माण कार्य, लागत राशि 12.97 करोड़ रुपए
- चित्तौड़गढ़ जिले में 07 नवीन चिकित्सा भवन निर्माण कार्य, लागत राशि 8.59 करोड़ रुपए
- चूरू जिले में 1 नवीन चिकित्सा भवन निर्माण कार्य, लागत राशि 2.25 करोड़ रुपए
- दौसा जिले में 8 नवीन चिकित्सा भवन निर्माण कार्य, लागत राशि 86.14 करोड़ रुपए
- धौलपुर जिले में 5 नवीन चिकित्सा भवन निर्माण कार्य, लागत राशि 6.12 करोड़ रुपए
- हनुमानगढ़ जिले में 1 नवीन चिकित्सा भवन निर्माण कार्य, लागत राशि 10 करोड़ रुपए
- जयपुर जिले में 2 नवीन चिकित्सा भवन निर्माण कार्य, लागत राशि 45.33 करोड़ रुपए
- जैसलमेर जिले में 3 नवीन चिकित्सा भवन निर्माण कार्य, लागत राशि 44.61 करोड़ रुपए
- जालौर जिले में 1 नवीन चिकित्सा भवन निर्माण कार्य, लागत राशि 16.63 करोड़ रुपए
- झुंझुंनू जिले में 1 नवीन चिकित्सा भवन निर्माण कार्य, लागत राशि 2.11 करोड़ रुपए
- जोधपुर जिले में 3 नवीन चिकित्सा भवन निर्माण कार्य, लागत राशि 40.19 करोड़ रुपए
- करौली जिले में 11 नवीन चिकित्सा भवन निर्माण कार्य, लागत राशि 25.28 करोड़ रुपए
- कोटा जिले में 3 नवीन चिकित्सा भवन निर्माण कार्य, लागत राशि 41.50 करोड़ रुपए
- पाली जिले में 2 नवीन चिकित्सा भवन निर्माण कार्य, लागत राशि 3.68 करोड़ रुपए
- राजसमंद जिले में 1 नवीन चिकित्सा भवन निर्माण कार्य, लागत राशि 1.43 करोड़ रुपए
- सवाई माधोपुर जिले में 12 नवीन चिकित्सा भवन निर्माण कार्य, लागत राशि 12.84 करोड़ रुपए
- सीकर जिले में 2 नवीन चिकित्सा भवन निर्माण कार्य, लागत राशि 91.81 करोड़ रुपए
- सिरोही जिले में 4 नवीन चिकित्सा भवन निर्माण कार्य, लागत राशि 1.64 करोड़ रुपए
- टोंक जिले में 2 नवीन चिकित्सा भवन निर्माण कार्य, लागत राशि 1.84 करोड़ रुपए
- उदयपुर जिले में 4 नवीन चिकित्सा भवन निर्माण कार्य, लागत राशि 1.64 करोड़ रुपए
220.09 करोड़ रुपए के कुल 148 कार्यों का हुआ लोकार्पण
- अजमेर जिले में 2 नवनिर्मित भवन, लागत 10.44 करोड़ रुपए
- अलवर जिले में 3 नवनिर्मित भवन, लागत 8.61 करोड़ रुपए
- बांसवाड़ा जिले में 3 नवनिर्मित भवन, लागत 10.85 करोड़ रुपए
- बांरा जिले में 13 नवनिर्मित भवन, लागत 8.10 करोड़ रुपए
- भरतपुर जिले में 3 नवनिर्मित भवन, लागत 10.16 करोड़ रुपए
- भीलवाड़ा जिले में 4 नवनिर्मित भवन, लागत 10.22 करोड़ रुपए
- बीकानेर जिले में 2 नवनिर्मित भवन, लागत राशि 9 करोड़ रुपए
- बूंदी जिले में 8 नवनिर्मित भवन लागत राशि 11.43 करोड़ रुपए
- चित्तौड़गढ़ जिले में 1 नवनिर्मित भवन, लागत राशि 2 करोड़ रुपए
- चूरू जिले में 2 नवनिर्मित भवन, लागत राशि 3.85 करोड़ रुपए
- दौसा जिले में 2 नवनिर्मित भवन, लागत राशि 4.10 करोड़ रुपए
- हनुमानगढ़ जिले में 1 नवनिर्मित भवन, लागत 2 करोड़ रुपए
- जयपुर जिले में 6 नवनिर्मित भवन, लागत 12.96 करोड़ रुपए
- झुंझुंनू जिले में 5 नवनिर्मित भवन, लागत 12.91 करोड़ रुपए
- जोधपुर जिले में 4 नवनिर्मित भवन, लागत 3.08 करोड़ रुपए
- करौली जिले में 2 नवनिर्मित भवन, लागत 4.22 करोड़ रुपए
- कोटा जिले में 1 नवनिर्मित भवन, लागत राशि 41 लाख रुपए
- नागौर जिले में 28 नवनिर्मित भवन, लागत राशि 24.10 करोड़ रुपए
- प्रतापगढ़ जिले में 1 नवनिर्मित भवन, लागत राशि 1.85 करोड़ रुपए
- राजसमन्द जिले में 12 नवनिर्मित भवन, लागत राशि 8.91 करोड़ रुपए
- सवाई माधोपुर जिले में 3 नवनिर्मित भवन, लागत राशि 1.23 करोड़ रुपए
- सीकर जिले में 14 नवनिर्मित भवन, लागत राशि 40.16 करोड़ रुपए
- श्रीगंगानगर जिले में 1 नवनिर्मित भवन, लागत राशि 1.19 करोड़ रुपए
- टोंक जिले में 9 नवनिर्मित भवन, लागत राशि 3.97 करोड़ रुपए
- उदयपुर जिले में 18 नवनिर्मित भवन, लागत राशि 14.34 करोड़ रुपए