जयपुर : भ्रष्टाचार के मामलों में अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा करने के बाद मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए गए राजेंद्र गुढ़ा ने बुधवार को चर्चित लाल डायरी के 3 पेज सार्वजनिक किए। गुढा ने कहा कि राजस्थान क्रिकेट संघ के चुनाव में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है वोटों को खरीदा गया है जिसका जिक्र लाल डायरी के इन पेजों में है।
राजेंद्र गुढ़ा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि लाल डायरी के 3 पेजों में आरसीए चुनाव की जिक्र है जिसमें भवानी सामोता, मुख्यमंत्री के ओएसडी सोभाग के बीच चुनाव में लोगों को पैसे देने की बात कही गई है। इसके अलावा राजस्थान रॉयल्स से जुड़े एक अन्य का भी जिक्र हैै। गुढ़ा ने कहा कि लाल डायरी के कुछ पन्ने मीसिंग हैं लेकिन मेरे पास जो पेज है मैं उन्हें जारी करता रहूंगा।
मुझे जेल भेजना चाहती है सरकार
राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि गहलोत सरकार मुझे जेल भेजना चाहती है, मेरे खिलाफ आए दिन मुकदमे दर्ज हो रहे हैं। मुझे प्रदेश प्रभारी रंधावा भी बार-बार माफी मांगने की धमकी दे रहे हैं, मैं गहलोत सरकार को बताना चाहता हूं कि अगर मुझे जेल डाला गया तो इसका खमियाजा भुगतना पड़ेगा। मैं जेल गया तो मेरी जगह कोई और आकर लाल डायरी के पेजों की जानकारी देगा।
मैं 15 साल से गहलोत के साथ
राजेंद्र गुढ़ा ने ब्लैकमेलिंग के आरोपों पर कहा कि मैं 15 साल से इनके साथ हूं, 6 बार इनके कहने से राज्यसभा में वोट किया है। दो बार राष्ट्रपति को वोट किया है। संकट में इनकी सरकार बचाई है। इन्हें बताना चाहिए कि मैंने इन्हें किस प्रकार से ब्लैकमेल किया है और क्या काम कराए हैं।
गुढा ने कहा कि यह पता नहीं था, कि आखिरी सत्र के आखिरी दिन मेरे साथ यह किया जाएगा। राजस्थान की सबसे बड़ी पंचायत में जिस तरह मेरी डायरी छीनी गई, छीनने वाले ने कोई पाप नहीं किया क्या? उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई जबकि मुझे सदन से निलंबित कर दिया गया है।
राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री मेरे बेटे के जन्मदिन पर मेरे घर गए थे। 50–60 हजार लोगों के बीच बोल कर आए थे कि कि गुढ़ा नहीं होता, तो मैं मुख्यमंत्री नहीं होता, अचानक गुढ़ा में क्या खराबी हो गई? गुढ़ा ने कहा, मैं रंधावा से भी पूछना चाहता हूं कि मैंने मां बहन बेटियों की सुरक्षा की बात की। इसमें गलत क्या किया? किस बात की माफी मांगू।
बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों की कोई मजबूरी होगी
राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि बसपा से मेरे साथ कांग्रेस में आए विधायक मेरे साथ क्यों नहीं हैं, हो सकती है इसके पीछे इनकी कोई मजबूरी होगी। गुढ़ा अपने साथियों के बारे में कहा कि शुक्रवार की शाम को मेरा निष्कासन हुआ था। और उसी शाम बसपा से आए साथी मेरे घर पर यही खाना खा रहे थे। उनमें वाजिब अली, लाखन, गिर्राज मलिंगा, खिलाड़ी लाल भी साथ ही खाना खा रहे थे, हर किसी की अलग सोच होती है।