झुंझुनूं-उदयपुरवाटी : उदयपुरवाटी के नगरपालिका चेयरमैन रामनिवास सैनी को सरकार ने निलंबित कर दिया है। सैनी पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के करीबी माने जाते हैं। पूर्व चेयरमैन पर बागवान भर्ती में पद का दुरूपयोग करते हुए भ्रष्टाचार का आरोप था। कुछ पार्षदों ने डीएलबी निदेशक को पत्र लिखकर नियम विरूद्ध भ्रष्टाचार करके 4 बागवानों की अनियमित भर्ती करने का आरोप लगाया था।
यह है मामला
डीएलबी निदेशक को शिकायत मिलने पर निदेशालय स्तर पर जांच करवाई गई। जांच में सामने आया कि 2022 में 4 बागवानों की भर्ती पूरी तरह से नियमों के खिलाफ थी। इसके साथ ही कहा गया कि जिन पदों पर भर्ती की गई वे तो स्वीकृत ही नहीं थे। और जिन 4 लोगों को नियुक्त किया गया वे चारो आपस में रिश्तेदार थे।
इस प्रकार निदेशालय ने पूरी भर्ती को अनियमित माना। जिसके बाद अब पालिकाध्यक्ष को निलंबित करने की कार्रवाई की गई। डीएलबी डायरेक्टर हृदयेश कुमार ने अपनी जांच में यह भी लिखा कि चेयरमैन ने अपने पद का दुरूपयोग किया। उन्होंने राज्य सरकार से मामले की न्यायिक जांच करवाने का निर्णय लिया है।
गुढ़ा ने बनवाया था चेयरमैन
चेयरमैन रामनिवास सैनी पूर्व सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के बेहद करीबी माने जाते हैं। उदयपुरवाटी में पालिका चुनाव के दौरान गुढ़ा ने ही उनको नगरपालिकाध्यक्ष बनाया था। बताया जा रहा है कि नगरपालिका में बागवानों की भर्ती प्रकरण में भ्रष्टाचार व अनियमितता का मामला लंबे समय से चल रहा था। सैनी को जांच में पहले ही दोषी मान लिया गया था, लेकिन गुढ़ा ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके निलंबन आदेश को रोक रखा था। वहीं मंत्री के बर्खास्त होने के 4 दिन बाद ही सैनी को निलंबित कर दिया गया।