झुंझुनूं : यूनाइटेड प्राइवेट क्लीनिक्स एंड हॉस्पिटल्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान (उपचार) संगठन ने RTH मामले में सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है। उपचार के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. कमलचंद सैनी ने शनिवार को प्रेसवार्ता में कहा कि चिकित्सक संगठनों के विरोध के बावजूद RTH कानून को विधानसभा में पास किया गया। इसके विरोध में 15 दिन के ऐतिहासिक आंदोलन के बाद सरकार ने चिकित्सकों की बात सुनी और एक एमओयू साइन किया। उस वक्त सरकार ने कहा था कि इस कानून के नियम बनाने वाली कमेटी में चिकित्सक संगठनों के भी 2 सदस्यों को लिया जाएगा। लेकिन सरकार ने 2 दिन पहले ही आरटीएच से संबंधित नियम बनाने के लिए एक कमेटी का गठन किया है जिसमें किसी भी चिकित्सक संगठन के सदस्य को शामिल नहीं किया गया है।
उपचार जिलाध्यक्ष डॉ. राजेश कटेवा ने कहा कि ऐसा करके सरकार ने चिकित्सकों एवं निजी अस्पतालों के साथ वादाखिलाफी की है। ऐसे में उपचार ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि एमओयू की अक्षरश: पालना नहीं की गई तो चिकित्सक अपने हित और अस्तित्व को बचाने के लिए फिर से आंदोलन करने को मजबूर होंगे। इसके अलावा एमओयू में फायर एनओसी की वैधता पांच साल करने, आवासीय कॉलोनियों में बने अस्पतालों का नियमितीकरण और सिंगल विंडो सिस्टम के भी आदेश भी तत्काल प्रभाव से जारी किए जाएं। प्रेसवार्ता में उपचार के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. अरूण सूरा व जिला कोषाध्यक्ष डॉ. संजय फांडी ने भी विचार व्यक्त किए।