सीकर : बहन बोलीं-साहब गड्ढे भर जाएंगे लेकिन मेरा भाई तो चला गया ना

सीकर : सीकर में सीवरेज के लिए खोदे गए गड्ढे में भरे पानी में डूबे हमीरी कलां के युवराज के शव का सोमवार को अंतिम संस्कार किया गया। परिजनों में प्रशासन की लापरवाही के प्रति टीस नजर आई। मौके पर पहुंचे मलसीसर तहसीलदार कमलदीप पूनिया से युवराज की चचेरी बहन कनिष्का ने कहा साहब अब तो गड्ढे भी भर जाएंगे, सभी समस्याओं का समाधान भी होगा, लेकिन हमारे घर का चिराग तो चला गया।

कनिष्का सीकर में ही फाउंडेशन कोर्स कर रही हैं। सोमवार सुबह करीब आठ बजे युवराज का शव घर पहुंचा। बेटे का शव देखते ही मां आंची देवी रो पड़ी। बोलीं मेरी बात मान लेते और युवराज को सीकर नहीं भेजते तो ऐसा नहीं होता। यह कहते हुए बेसुध हो गईं। पोते का शव देख दादी माना देवी बेसुध हो गई। बहन लक्की भाई के शव से लिपट कर बोलीं तू ऐसे कैसे हमें छोड़कर जा सकता। दादा गोमाराम की आंखों में आंसू थे। युवराज के पिता महिपाल की हिम्मत भी जवाब दे गई। उनके आंसू रुक नहीं रहे थे।

लाडले की अंतिम यात्रा घर से निकली तो कोहराम मच गया। इस दर्दनाक घटना के लिए प्रशासन को कोसने लगे। लोग कहने लगे कि यदि प्रशासन समय पर ध्यान नहीं देता तो आज यह दिन नहीं आता। गांव के तिलकाणा जोहड़ स्थित श्मशान में युवराज का अंतिम संस्कार किया। चचेरे भाई विनय ने मुखाग्नि दी। अलसीसर प्रधान घासीराम पूनिया, तहसीलदार कमलदीप पूनिया, समाजसेवी शिवकरण जानू, सेवानिवृत्त शिक्षक प्रभातीलाल, संदीप पूनिया, इंद्राज लांबा, महिपाल बुडाना समेत काफी तादाद में लोग शामिल हुए। हमीरी के अलावा, बुडाना, माखर, दूधवा खारा समेत अनेक गांवों से लोग पहुंचे।

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