भरतपुर : हरियाणा के नूंह जिले में भड़की सांप्रदायिक हिंसा के बाद एक बार फिर देश में नासिर-जुनैद हत्याकांड का मामला गरमा गया है। इस हत्याकांड में अब तक महज 3 आरोपी ही पकड़े गए हैं। वहीं, दंगे भड़काने को लेकर सुर्खियों में आए मोनू मानेसर सहित अन्य 27 आरोपियों को राजस्थान पुलिस अब तक नहीं पकड़ पाई है।
दंगे भड़कने के बाद दो राज्यों के मुख्यमंत्री आमने-सामने हुए। एक तरफ हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने दावा किया कि वो मोनू की गिरफ्तारी को लेकर सहयोग करने को तैयार है। वहीं, इसके जवाब में राजस्थान के मुख्यमंत्री ने हरियाणा पुलिस पर सहयोग नहीं करने के आरोप लगाए।
भास्कर ने इन्वेस्टिगेशन कर ये पता लगाने का प्रयास किया कि नासिर-जुनैद हत्याकांड के आरोपी मोनू मानेसर और 26 दूसरे आरोपी पुलिस के हाथ क्यों नहीं लग पाए हैं? राजस्थान के CM अशोक गहलोत ने क्यों कहा कि हरियाणा पुलिस सहयोग नहीं कर रही? वहीं आरोपियों की तलाश में हरियाणा में कैंप कर रही टीम को वापस क्यों बुला लिया है?
पढ़िए ये स्पेशल इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट …..
2 अगस्त 2023 : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का बयान
‘जहां तक मोनू मानेसर का सवाल है, उस पर राजस्थान में मामला दर्ज है। राजस्थान सरकार को हमने कहा है कि मोनू मानेसर को ढूंढने में उनको जिस प्रकार की मदद हमसे चाहिए वो हम करेंगे। इसके लिए तैयार हैं। चूंकि उसे राजस्थान पुलिस ढूंढ रही है, ऐसे में वो अभी कहां है, इसके कोई इनपुट हमारे पास नहीं है। राजस्थान पुलिस के पास है कि नहीं, ये हम नहीं कह सकते। राजस्थान पुलिस उस पर कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है। इसमें उन्हें हमारी जो मदद चाहिए वो हम करेंगे।’
3 अगस्त 2023 : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का ट्वीट
‘हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर मीडिया में बयान देते हैं कि राजस्थान पुलिस की हरसंभव मदद करेंगे, लेकिन जब हमारी पुलिस नासिर-जुनैद हत्याकांड के आरोपियों को गिरफ्तार करने गई तो हरियाणा पुलिस ने कोई सहयोग नहीं किया बल्कि राजस्थान पुलिस पर FIR तक दर्ज कर ली।’
‘जो आरोपी फरार हैं, उन्हें तलाशने में हरियाणा पुलिस राजस्थान पुलिस का सहयोग नहीं कर रही। खट्टर हरियाणा में हो रही हिंसा को रोकने में नाकाम रहे और अब सिर्फ लोगों का ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के बयान दे रहे हैं जो उचित नहीं है।’
महज 24 घंटे में राजस्थान और हरियाणा के मुख्यमंत्री नासिर-जुनैद मर्डर को लेकर आमने-सामने थे। ऐसे में हम इस मामले की सच्चाई तलाशने सबसे पहले भरतपुर जिले के गोपालगढ़ थाने पहुंचे। यहां हमें SHO रामनरेश मीणा मिले। जुनैद के चचेरे भाई इस्माइल ने 15 फरवरी को गोपालगढ़ थाने में ही नासिर-जुनैद के किडनैप व मारपीट का मामला दर्ज करवाया था।
2 महीने तक हरियाणा में रही राजस्थान पुलिस
गोपालगढ़ SHO रामनरेश मीणा ने बताया कि 16 फरवरी को जब ये हत्याकांड सामने आया था, उसके बाद से ही राजस्थान पुलिस के PHQ लेवल से 2 पुलिस टीमों ने लगातार 2 महीने तक आरोपियों की तलाश में और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए हरियाणा के अलग-अलग इलाकों में कैंप किया था, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई।
मीणा ने हमें बताया कि इस केस के 30 आरोपियों में से राजस्थान पुलिस ने 3 आरोपी रिंकू सैनी, मोनू राणा और गोगी उर्फ मोनू भिवानी को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ चालान पेश कर दिया है। अब जिन 27 आरोपियों के खिलाफ हमारा इन्वेस्टिगेशन पेंडिंग चल रहा है, वो सभी हरियाणा के रहने वाले हैं।
इन 27 आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस लगातार दो महीने हरियाणा में रही। हमारी टीम को जैसे-जैसे इनपुट मिलता था, वहां दबिश करने जाती। लेकिन आरोपियों का पकड़ा नहीं जाना ये साबित करता है कि वहां की पुलिस और प्रशासन कोई मदद नहीं कर रहा। वहीं के लोगों के संरक्षण में आरोपी लगातार फरार होते रहे हैं। यही कारण है कि मोनू मानेसर सहित बाकी आरोपी अभी तक पकड़े नहीं गए हैं।
राजस्थान पुलिस पर FIR, IPS के नेतृत्व में SIT गठित
17 फरवरी को हमारी एक टीम इस मामले के एक नामजद आरोपी श्रीकांत मरोड़ा की तलाश के लिए हरियाणा के नगीना थाने जाती है। वहां से नगीना पुलिस को साथ में लेकर वो टीम नामजद आरोपी श्रीकांत मरोड़ा के घर पर पहुंचती है, वो वहां नहीं मिलता है। इसके 4 दिन बाद 21 फरवरी को हमारी टीम के खिलाफ उसी नगीना थाने में FIR दर्ज करवा दी जाती है।
इस मामले की जांच के लिए हरियाणा सरकार एक IPS लेवल की SIT गठित कर देती है। ये सब राजस्थान पुलिस को डराने का तरीका था। हरियाणा पुलिस नगीना थाने में दर्ज उस मामले को लेकर इन्वेस्टिगेशन करने राजस्थान भी आई थी। हमने पूरा सहयोग किया, लेकिन इसके उलट हमारी पुलिस की रेड के खिलाफ हरियाणा में पंचायत हुई थी। वहां खुलेआम भाषण दिए गए कि राजस्थान पुलिस यहां पैरों पर तो आएगी, लेकिन वापस बैसाखियों पर जाएगी।
मोनू क्या हम तो सभी 27 आरोपियों को पकड़ने के लिए लगे ही हुए हैं। हमारे DGP लेवल व SP लेवल से कई बार हरियाणा पुलिस से इन सबकी गिरफ्तारियों को लेकर पत्राचार भी किए गए हैं। नूंह में दंगों से पहले जब मोनू मानेसर ने वीडियो वायरल कर यात्रा में आने का दावा किया था, उस दिन भी राजस्थान पुलिस की स्पेशल टीम हरियाणा में थी। अभी भी हरियाणा में हमारी टीमें उनकी तलाश में लगी हुई है, कितनी टीम हैं, ये पार्ट ऑफ इन्वेस्टिगेशन है।
ASP का दावा- हरियाणा पुलिस ने कहा हम सहयोग नहीं कर पाएंगे
गोपालगढ़ SHO रामनरेश मीणा से बातचीत के बाद हमने इस मामले को लेकर दो महीने तक लगातार हरियाणा में कैंप करने वाले कामां ASP हिम्मत सिंह से मुलाकात करनी चाही। वो लगातार किसी केस के सिलसिले में ऑफिस से बाहर थे तो उन्होंने मोबाइल पर बातचीत की।
हिम्मत सिंह ने बताया कि ‘हम तो लगातार सभी 27 आरोपियों को पकड़ने का प्रयास कर रहे हैं। हरियाणा पुलिस ने तो हमसे ये कह दिया था कि आप और आप की टीम हरियाणा आओ, यहां ठहरो और खाना खाओ, हम सारी व्यवस्था कर देंगे, लेकिन आपके आरोपियों को पकड़ने में कोई सहयोग नहीं कर पाएंगे। दो महीने लगातार मैंने खुद वहां कैंप किया है। इसके अलावा एक और ASP लेवल अधिकारी ने गुरुग्राम में कैंप किया था।
ये गोपालगढ़ SHO रामनरेश मीणा की फोटो है, जो उनकी हरियाणा थाने में 11 अप्रैल की प्रेजेंस बता रही है।
मानेसर में एक ही बार दबिश, कैंप कर रही टीम वापस बुलाई
ASP हिम्मत सिंह ने बताया कि जब ये कांड हुआ ही था तब एक आरोपी मोनू मानेसर के घर पर हमने दबिश दी थी, लेकिन वो हमें वहां नहीं मिला। इसके बाद कोई दबिश दोबारा वहां नहीं दी। हालांकि इस बीच दूसरे तरीकों से उसकी तलाश चल रही थी, जो अभी भी जारी है।
जहां तक हरियाणा पुलिस से इनपुट शेयर करने की बात है हमने आरोपियों की सभी डिटेल्स यहां तक कि टेक्निकल जानकारियां तक शेयर की हैं। DGP और SP लेवल से भी इन्फॉर्मेशन शेयर हुई है। फिलहाल आरोपियों की तलाश में लगी हमारी टीमों को हमने हरियाणा से वापस बुला लिया है।
टीमों को वापस बुलाने के कारण को लेकर कामां ASP ने बताया कि फिलहाल हरियाणा में तनाव के हालात है और कानून व्यवस्था बिगड़ी हुई है। ऐसी कंडीशन को देखते हुए ही टीमों को वापस बुलाया गया है। इसका ये मतलब कतई नहीं है कि आरोपियों की तलाश बंद कर दी है। राजस्थान पुलिस जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार करेगी और इसके लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे है।
हिंदू महापंचायत ने दी थी राजस्थान पुलिस को धमकी
जुनैद-नासिर मर्डर के 4 दिन बाद ही आरोपी मोनू मानेसर के गांव में हिंदू महा पंचायत का आयोजन किया गया था। इस महापंचायत के दौरान घोषणा की गई कि हत्याकांड में मोनू मानेसर निर्दोष है और उसे फंसाया जा रहा है। इस दौरान राजस्थान पुलिस को धमकी दी गई कि अगर मोनू के घर दबिश दी गई तो अंजाम भुगतना पड़ेगा। इस महापंचायत के बाद मानेसर में हाईवे पर जाम भी लगा दिया गया था।
मीडिया इन्वेस्टिगेशन में ये सामने आया कि इस महापंचायत के बाद राजस्थान पुलिस एक बार भी मोनू मानेसर के गांव या उसके घर दबिश देने नहीं गई। हालांकि, महापंचायत से पहले पुलिस उसकी तलाश में जरूर वहां गई थी। इस बात की पुष्टि कामां ASP हिम्मत सिंह से हुई बातचीत में भी होती है।
राजस्थान पुलिस ने हमसे नहीं किया संपर्क- गुरुग्राम कमिश्नर
राजस्थान पुलिस के हरियाणा पुलिस पर नासिर जुनैद मामले में सहयोग नहीं करने के आरोप पर हमने सबसे पहले मानेसर के डीसीपी IPS मनबीर सिंह से बात की तो उन्होंने हमें इस मामले में कोई भी टिप्पणी करने से मना कर दिया। हमने इस मामले को लेकर हरियाणा सरकार के गृह मंत्री अनिल विज से भी संपर्क करने का प्रयास किया पर उनके पीए ने व्यस्तता का हवाला देते हुए उनके ऑफिस से कॉल बैक करने की बात कह दी।
इसके बाद हमने गुरुग्राम की कमिश्नर IPS कला रामचंद्रन से बात की तो उन्होंने बताया कि आज तक राजस्थान पुलिस ने हमसे इस मामले को लेकर कोई एप्रोच ही नहीं किया। इसमें हम क्या कर सकते हैं? अब राजस्थान पुलिस ने कहां कैंप किया है, इसको लेकर मैं क्या कह सकती हूं? अगर राजस्थान पुलिस इस मामले को लेकर हमसे मदद मांगेंगे तो हम तैयार हैं।
नासिर-जुनैद मर्डर केस में अब तक ये हुआ
जुनैद (35) और नासिर (28) राजस्थान के भरतपुर जिले के गांव घाटमीका के रहने वाले थे। जुनैद के चचेरे भाई इस्माइल ने 15 फरवरी को गोपालगढ़ थाना (भरतपुर) में दोनों के किडनैप और मारपीट का मामला दर्ज कराया था। इसमें अनिल निवासी मूलथान, श्रीकांत निवासी मरोड़ा, रिंकू सैनी निवासी फिरोजपुर झिरका, लोकेश सिंगला निवासी मानेसर (हरियाणा) पर आरोप लगाए गए थे। इस FIR के अगले दिन 16 फरवरी को जुनैद और नासिर दोनों की लाशें हरियाणा में भिवानी जिले के लोहारू में जली हुई हालत में बोलेरो गाड़ी में मिली थीं। इस मामले में भरतपुर थाना पुलिस ने किडनैप और हत्या का मामला दर्ज किया था।
राजस्थान पुलिस ने मुख्य आरोपी रिंकू सैनी को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया था। रिंकू सैनी से पूछताछ के आधार पर 8 आरोपियों के नाम फोटो सहित जारी किए। सभी 8 आरोपियों पर 10-10 हजार का इनाम भी रखा गया। इसके बाद इनमें से दो आरोपियों गोगी निवासी भिवानी और मोनू राणा निवासी पलुवास भिवानी को भी गिरफ्तार कर लिया गया था।
गोपालगढ़ पुलिस ने 16 मई को गिरफ्तार 3 आरोपियों रिंकू सैनी, गोगी और मोनू राणा के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट पेश की, तब इस बात का खुलासा हुआ कि नासिर और जुनैद की हत्या में अभी 27 आरोपियों के खिलाफ इन्वेस्टिगेशन पेंडिंग है।
चार्जशीट में मोहित उर्फ मोनू मानेसर, श्रीकांत मरोड़ा, अनिल मूलथान, लोकेश सिंगला, विकास आर्य, विशाल जेवली उर्फ नटवर, कालू उर्फ कृष्ण, बादल, शशिकांत, देवी लाल, भोलू, नवनीत, संजय परमार, दीपक, आजाद आचार्य, किशोर सैन, शिवम, तुषार उर्फ तन्नू, राजवीर, मनोज गुहाना, योगेन्द्र आचार्य, भोला सिलानी, रमेश उर्फ मेस्सा सिसर, आशु जांगडा, सुखविंद्र उर्फ सुक्खी, प्रवेश बॉक्सर और रविंद्र उर्फ कालिया की संलिप्तता बताते हुए जांच पेंडिंग रखने की बात थी। ये सभी हरियाणा के रहने वाले हैं।