झुंझुनूं : शिक्षा विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने कहा कि विद्यार्थियों में पासबुक कल्चर विकसित होना शिक्षण व्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती है। इसको लेकर शिक्षा विभाग विद्यार्थियों में टेक्स्ट बुक से पढ़ने की आदत बनाने की मुहिम चला रहा है।
इसमें पाठ्यपुस्तकों के साथ सहायक पठन सामग्री का विस्तार किया जा रहा है। वहीं शिक्षा विभाग की कार्यशैली में व्यापक बदलाव की तैयारी की जा रही है। इसमें व्यक्तिगत से हटाकर संस्थानिक रूप से कार्य की प्रवृति को नवाचार के रूप में विकसित करने का काम कर रहे हैं। जैन शनिवार को बगड़ आए थे, जहां उन्होंने विद्यार्थियों व संस्थाप्रधानों के साथ संवाद किया और परियोजनाओं की समीक्षा की।
शिक्षा विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने शनिवार को जिले में स्कूली विद्यार्थियों व शिक्षकों को लेकर चल रही विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा की। बगड़ में पीरामल फाउंडेशन में विभिन्न प्रोजेक्ट की प्रदर्शनी देखी। जैन ने कहा कि 21वीं सदी में विद्यार्थियों और शिक्षकों की दक्षता बढ़ाने को लेकर कई प्रयास किए जा रहे हैं। जैन का शिक्षा विभाग के चूरू संभाग संयुक्त निदेशक अनुसूइया सिंह, समसा एडीपीसी कमला कालेर, डीईओ सैकंडरी सुभाष ढ़ाका, डीईओ प्रारंभिक मनोज ढ़ाका, डाइट प्राचार्य अमीलाल मूंड ने स्वागत किया। जैन ने मॉडल आर्ट तकनीक से शिक्षण, क्वालिटी एजुकेशन और आत्म मूल्यांकन शिक्षण व किताबी पढ़ाई से कौशल विकास व दक्षता निर्धारण की जानकारी ली। Q. सरकारी स्कूलों में विषय शिक्षकों की कमी कब पूरी होगी? A. इसके लिए सरकार और शिक्षा विभाग प्रयास कर रहा है। जिन विद्यालयों में ऐसे शिक्षकों के पद रिक्त हैं, उनमें ई-लर्निंग के जरिए बच्चों को पढ़ाने की सुविधा जल्द ही शुरू करेंगे। जिससे बच्चों को विशेषज्ञों के जरिए तैयारी करने का मौका मिल सके।
Q. यह सब कैसे करेंगे? A. इसमें 65 गैर सरकारी तकनीकी संस्थानों की मदद से सरकारी स्कूलों के आईसीटी लैब को तैयार कराने में जुटा हुआ है। भामाशाहों का भी सहयोग लिया जा रहा है। Q. प्राथमिक स्तर के विद्यालयों में मूलभूत ढांचा कमजोर है? A. हाल ही में इसके लिए बड़ा बजट जारी किया गया है। इससे इन स्कूलों में स्कूलों में भवन सहित शौचालय, कक्षा कक्ष, चारदीवारी आदि निर्माण होगा। इसके लिए टेंडर किए जा चुके हैं। Q. प्रदेश में इंग्लिश स्कूलों में संसाधन और टीचिंग स्टाफ की कमी का क्या? A. शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए संविदा शिक्षक लगाने का काम लगभग पूरा हो गया है। इसके पहले चरण में अंग्रेजी स्कूलों की प्राथमिक कक्षाओं के लिए शिक्षक मिल जाएंगे। चयन परीक्षा के जरिए संस्थाप्रधान और विषय शिक्षक लगाने का काम भी पूरा कर देंगे। Q. इन स्कूलों में शिक्षक व विद्यार्थी अंग्रेजी को बोलचाल के रूप में उपयोग नहीं करते? A. हम इस दिशा में भी प्रयास कर रहे हैं, शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं। Q. आज-कल स्कूली बच्चों में लिखने की आदत छूट रही है? A. सोशल मीडिया ने भी बच्चों में लिखने की आदत को कम किया है, सोशल मीडिया के किसी भी एप पर कुछ लिखना हो तो एक दो अक्षर लिखते ही पूरे शब्द के कई ऑप्शन आ जाते हैं, ऐसे में बच्चों को शब्द की पूरी स्पेलिंग तक लिखने की जरूरत नहीं पड़ती। Q. ई-लर्निंग से रिजल्ट क्या जैसा सोच रहे हैं वैसे आ पाएंगे? A. यह सही है कि सिर्फ ई-लर्निंग से रिजल्ट्स तो वैसे नहीं आ पाएंगे जैसे ऑफलाइन पढ़ाई करवाने से मिलते हैं। लेकिन इससे बच्चों को पढ़ने में कुछ तो सुविधा मिलेगी ही।